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कभी तूफान में फंसी तो लोकल बस में खाए धक्के, मुश्किल हालात में Chhoriyan Chali Gaon

जी टीवी पर आ रहे शो छोरियां चली गांव की छोरियां बस में धक्के खाते हुए गांव पहुंच गई हैं । इसके बाद से ही उनका रियल स्ट्रगल शुरू हो गया है और इस बीच कंटेस्टेंट अनीता भावुक हो गईं हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : News24 हिंदी Updated: Aug 6, 2025 19:21
Photo Credit- Instagram

Chhoriyan Chali Gaon: ‘छोरियां चली गांव’ के प्रीमियर शो में अभिनेता और होस्ट रणविजय सिंह ने उन 11 सेलेब्स गर्ल को स्टेज पर बुलाया, जो 60 दिन तक लड़कियां मध्यप्रदेश में भोपाल जिले के गांव बिमुलिया में रहेंगी और हर ग्रामीण चुनौती का सामना करेंगी। यह चुनौतियां स्टेज से नीचे उतरते ही शुरू हो गईं। सभी 11 छोरियों को चार्टर के जरिए मुंबई से भोपाल ले जाया गया। जहां उन्हें फाइव स्टार होटल में एक दिन ठहराया और अगले दिन सुबह से ही उनकी जर्नी शुरू हो गई। देखें किन मुश्किल हालात में छोरियां चलीं गांव…

छोरियों को बांटा गया दो टीमों में

रियलिटी शो ‘छोरियां चली गांव’ के दूसरे दिन दिखाया गया कि रणविजय छोरियों के लिए एक टेप के माध्यम से मैसेज भेजते हैं कि दो टीमों में डिवाइड होकर उन्हें खुद से ही बिमुलिया पहुंचना होगा। 11 छोरियां दो टीमों में बंट जाती है और शुरू होती है उनकी बिमुलिया की जर्नी। पहले दोनों टीमें तूफान गाड़ी से बस स्टैंड की ओर जाती हैं। रास्ते में तूफान गाड़ी में सवारियां बढ़ती जाती हैं। ओवरलोड सवारियों से भरी गाड़ी से छोरियां बस स्टैंड पहुंचती हैं। यहां से उन्हें पिपलिया के लिए लोकल बस मिलती है।

लोकल बस से लेकर बैलगाड़ी का सफर

पिपलिया के लिए लोकल बस में छोरियों को और बेहद मुश्किल हालात से गुजरना पड़ता है। बस में बेहद भीड़ होती है, कोई बकरियों को लेकर अंदर आता है तो कोई मछलियों को लेकर सफर करता है। ऐसे में बेहद मुश्किल से धक्के खाते हुए छोरियों की दोनों टीमें पिपलिया गांव पहुंचती हैं। पिपलिया गांव से बिमुलिया जाने का अगला सफर ट्राली और बैलगाड़ी से माध्सम से पूरा होता है। बिमुलिया में रणविजय उनका स्वागत करता है और गांववाले भी पूजा थाली और पैर धोकर अभिनेत्रियों कर बढ़िया वेलकम करते हैं। अब छोरियों को गांव के रहन-सहन, तौर-तरीकों के बीच 60 दिन तक रहना है। उन्हें खाना बनाना, पशुओं की देखभाल करना, खेत में काम करना आदि सभी काम करने होंगे। रणविजय कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि आज की पीढ़ी ‘छोरियां चली गांव’ के जरिए असली भारत को देखे।

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11 छोरियों को 5 घरों में बांटा

रणविजय ने 11 छोरियों को गांव बमुलिया के 5 घरों में भेज दिया। इन घरों में वो एक मेंबर की तरह रहेंगी और हर काम में उनकी मदद करेंगी। अनीता हसनंदानी और डॉली जावेद को एक घर में, अंजुम फकीह और रमीत संधू को दूसरे घर में, चिंकी रेहा सुखेजा एक घर में, ऐश्वर्या खरे एरिका को एक घर में और कृष्णा श्रॉफ, मिंकी और सुमुखी सुरेश को एक घर में भेजा जाता है। रणविजय सिंह ने प्रतियोगियों से नियम पूरे करने और गांव के रोज़ मर्रा के काम (चूल्हा, बर्तन, पशुपालन) करने की प्रतिज्ञा दिलवाई।

गांव के घरों में जाते ही भावुक हुईं छोरियां

असाइन हुए घरों में 5 टीमों में बंटी छोरियों को बेहद प्यार मिलता है। हर परिवार में अलग-अलग ढंग से उनका वेलकम होता है। सभी उन्हें घर के मेंबर की तरह अपनाते हैं। वहीं से छोरियों की लर्निंग भी शुरू हो जाती है। कोई छोरी चूल्हे में फूंक मारती नजर आई तो किसी ने झाडू मारा। पहली रात जब एक दादी ने अनीता को अपने घर में रहने के लिए बुलाया, क्योंकि उसके घर की बच्ची को मां का प्यार नहीं मिलता—यह देखकर अनीता भावुक होकर रो पड़ीं। वहीं एश्वर्या मिर्च पिसने की चुनौती झेलती नजर आईं। शो का कॉन्सेप्ट दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।

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First published on: Aug 06, 2025 07:21 PM

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