Maithili Thakur on Sharda Sinha Health: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। 72 साल की उम्र में गायिका ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस खबर के बाद से उनके चाहने वालों को गहरा सदमा लगा है। खासकर बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव वाले जहां शारदा सिन्हा का पैतृक घर है, हर कोई उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहाथा। वहीं इस दुखद खबर के बीच छठ पूजा का समय भी आ चुका है, जो बिहारवासियों के लिए एक खास महत्व रखता है। शारदा सिन्हा की खराब सेहत को लेकर बिहार की सिंगर मैथिली ठाकुर ने भी अपना रिएक्शन दिया था।
Noted folk singer, Smt. Sharda Sinha is admitted in AIIMS, New Delhi for treatment.
---विज्ञापन---Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi ji is continuously monitoring her condition and is in direct contact with the treating doctors.
He has conveyed his prayers for her good health and…
---विज्ञापन---— AIIMS, New Delhi (@aiims_newdelhi) November 5, 2024
हुलास गांव छाया सन्नाटा
शारदा सिन्हा के पैत्रिक गांव हुलास में शारदा सिन्हा के बीमार होने की खबर ने वहां के निवासियों को गहरे सदमे में डाल दिया था। गांव के लोग दुख और चिंता के बीच भगवान से उनकी जल्दी ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे। शारदा सिन्हा के साथ इमोशनल लगाव रखने वाले लोग उनके स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर चिंतित थे। उनके गांव में भी सन्नाटा पसरा था। इसी बीच बिहार की सिंगर मैथिली ठाकुर ने उनकी खराब सेहत का अपना बयान दिया था।
‘छठ का दूसरा नाम ही शारदा सिन्हा’
लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भी शारदा सिन्हा की तबीयत पर दुख जाहिर किया था। एबीपी न्यूज की खबर के मुताबिक लोक संगीत की दुनिया में खुद एक फेमस गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा था, ‘छठ का समय है और टीवी पर हमें ये खबर सुनने को मिल रही है कि शारदा सिन्हा अस्पताल में हैं। ये बहुत ही दुखद स्थिति है। शारदा जी ने हमें हमेशा अपने गीतों से प्रेरित किया है। वो न सिर्फ बिहार की, बल्कि पूरे देश में गर्व की पहचान हैं। उनके जैसे कलाकारों ने ही लोक संगीत को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया है। मैं प्रार्थना करती हूं कि वो जल्द ठीक हो जाएं।’ आपको बता दें गायिका वेंटिलेटर पर थीं और उनके बेटे लगातार उनकी सेहत से जुड़े अपडेट्स शेयर कर रहे थे।
शारदा सिन्हा का छठ गीतों तक का सफर
शारदा सिन्हा की ने अपना सफर साल 1974 में भोजपुरी गीत गाने से शुरू किया था। लेकिन साल 1978 में उनका छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ काफी फेमस हो गया जिसके बाद शारदा लोक संगीत के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन गया।
यह भी पढ़ें: Hardik Pandya से अलग होने के बाद Natasa Stankovic को कौन आया पसंद? पोस्ट से मची हलचल