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Bhool Chuk Maaf Review: Dinesh Vijan लेकर आए टाइम लूप की नई कहानी, क्या हैं फिल्म की खूबियां और खामियां?

Bhool Chuk Maaf Review: राजकुमार राव और वामिका गब्बी की 'भूल चूक माफ' रिलीज हो गई है। हर कोई ये जानना चाहता है कि अगर कहानी एक ही दिन पर अटकी है, तो कहीं दर्शक बोर न हो जाएं। चलिए जानते हैं फिल्म कैसी है?

Author Edited By : Ishika Jain Updated: May 23, 2025 13:34
Bhool Chuk Maaf Movie Review
Bhool Chuk Maaf Movie Review
Movie name:Bhool Chuk Maaf
Director:Karan Sharma
Movie Cast:Rajkummar Rao, Wamiqa Gabbi, Seema Pahwa, Sanjay Mishra, Zakir Hussain, Raghubir Yadav

Bhool Chuk Maaf Review: (By- Navin Singh Bhardwaj) रिव्यू बताने से पहले एक सवाल.. क्या हो अगर आप टाइम लूप में फंसकर एक ही दिन को बार-बार जी रहे हो? मजबूरी में इस टाइम लूप को ठीक करने के लिए आप कोई ना कोई नई अतरंगी चीजें करें, ताकि किसी तरह इससे छुटकारा मिले और फिर एक दिन को बार-बार जीने में सोचिए जिंदगी क्या ही बोरिंग हो जाएगी, तो फिर क्या- भूल चूक माफ, इस टाइम लूप में फंसकर बोर करती है, या फिर बनारस के रंजन की बेचैनी, एंटरटेन करती है, ये तो इस रिव्यू से पता चल ही जाएगा।

क्या है ‘भूल चूक माफ’ की कहानी?

कहानी की शुरुआत बनारस से होती है, जहां रंजन (राजकुमार राव) अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड तितली (वामिका गब्बी) से शादी करना चाहता है। तितली के पिता बृजमोहन (जाकिर हुसैन) की एक ही शर्त है, सरकारी नौकरी पाओ और मेरी बेटी से शादी करके ले जाओ। रंजन मंदिर की चौखट पर भगवान से मिन्नतें करता है, लेकिन प्रार्थना में भी रंजन से भूल हो जाती है। खैर, मुश्किलों से रंजन को सरकारी नौकरी मिल जाती है और शादी की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। 29 की हल्दी और 30 को शादी के लिए बेकरार रंजन की खुशियां तार-तार हो जाती हैं, जब हल्दी वाले दिन के बाद, वो दोबारा उठकर भी 29 तारीख ही पाता है।

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बदल जाती है हर दिन की कहानी

ये सब तो ट्रेलर में आपने देखा ही है, रंजन 29 के चक्कर में ऐसा पड़ता है कि 30 का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। गाय को रोटी खिलाने, पक्षियों को दाना देने, मछलियों को खाना देने से लेकर गरीबों को भोजन कराने तक, रंजन ने सारे नेक काम किए, लेकिन टाइम लूप के इस फेर में बार-बार वही दिन आता है। इस कहानी में सबसे दिलचस्प बात ये है कि चाहे बार-बार हल्दी वाला दिन लौट कर आए, लेकिन हर दिन की कहानी बदल जाती है। स्क्रीन पर रंजन की बेचैनी और थिएटर में आपका इंटरेस्ट, दोनों को बनाए रखने का काम इस कहानी ने अच्छे से किया है। बाकी क्लाइमेक्स में जिंदगी की एक सीख भी है…. लेकिन वो हम यहां लिख देंगे, तो थियेटर में आप जाकर ‘भूल चूक माफ’ नहीं देखेंगे, जिसके लिए PVR ने मैडॉक फिल्म्स पर 60 करोड़ का दावा ठोका और फिर आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट किया।

राइटिंग डायरेक्शन और म्यूजिक

फिल्म ‘भूल चूक माफ’ को करण शर्मा ने लिखा और डायरेक्ट किया है। डायरेक्शन के मामले में करण ने अच्छा काम किया है। वहीं, राइटिंग के मामले में करण ने हर किरदार के लिए सीन रखने की कोशिश की है। हां, फिल्म थोड़ी क्रिस्प हो सकती थी। किसी-किसी जगह पर डायलॉग्स थोड़ा ज्यादा ही फोर्स्ड लगने लगे, जिसकी जरूरत थी नहीं। फिल्म की कहानी के हिसाब से बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक अच्छा है, जिसका क्रेडिट केतन सोधा और तनिष्क बागची को जाता है।

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कैसी है सबकी एक्टिंग?

राजकुमार राव ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ के बाद एक बार फिर देसी कॉमेडी के साथ वापसी कर रहे हैं। हो सकता है कि उन्हें इस बात का इल्म है कि ऑडियंस को उनकी ये देसी कॉमेडी बेहद भा रही है। फिल्म का पूरा फोकस रंजन उर्फ राजकुमार राव पर ही था। मतलब उनके कंधे पर पूरी फिल्म है। एक्टिंग के मामले में वामिका ने भी अच्छा काम किया है। वहीं, बाकी के एक्टर्स जैसे रघुबीर यादव, सीमा पाहवा, जाकिर हुसैन, संजय मिश्रा ने भी बेहतरीन एक्टिंग की है, लेकिन उनके थोड़े ज्यादा सीन्स होते तो मजा आ जाता।

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‘भूल चूक माफ’ का फाइनल वर्डिक्ट

ऑडियंस फिलहाल देसी कॉमेडी को काफी एंजॉय कर रही है और यही वजह है कि देसी कॉमेडी पर भर-भर के फिल्म और वेब सीरीज भी आ रही हैं। राजकुमार राव रंजन के किरदार में फिट बैठे हैं। एक नए मेसेज ‘नेकी कर दरिया में डाल’ के जरिए आपको भी बता दें कि ये फिल्म देखी जा सकती है।

भूल चूक माफ को मिलते हैं: 3 स्टार

First published on: May 23, 2025 01:14 PM

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