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कैंसर से लड़ रहे थे जंग फिर भी देश को दिलाए 2 गोल्ड मेडल, जानें क्या है अजय देवगन की फिल्म मैदान की कहानी?

Ajay Devgn Maidaan Movie: अजय देवगन की फिल्म 'मैदान' ईद के मौके पर रिलीज होने वाली है। मगर क्या आपको फिल्म की कहानी पता है? इस दौर को भारतीय फुटबॉल का गोल्डन एरा कहा जाता है, जब सैय्यद अब्दुल रहीम की अगुवाई में भारत ने ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी इतिहास रच दिया था।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 6, 2024 10:43
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Maidaan Movie

Ajay Devgn Maidaan Movie: बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन जल्द ही फिल्म ‘मैदान’ (Maidaan) के साथ बड़े पर्दे पर एंट्री करने वाले हैं। इस फिल्म में अजय देवगन जाने माने फुटबॉल कोच सैय्यद अब्दुल रहीम का रोल अदा करेंगे। फिल्म की कहानी 50 और 60 के दशक के इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी। ये वो दौर था जब हिन्दुस्तान में क्रिकेट से ज्यादा लोकप्रियता हॉकी और फुटबॉल को मिली थी। मेजर ध्यानचंद को हॉकी का भगवान माना जाता था तो फुटबॉल को ऊंचाई पर पहुचांने के पीछे सैय्यद अब्दुल रहीम का हाथ था।

sayed abdul rahim_maidaan

फुटबॉल को बनाया करियर

17 अगस्त 1909 को हैदराबाद में जन्मे सैय्यद अब्दुल रहीम को लोग प्यार से ‘रहीम साब’ कहकर बुलाते थे। उन्हें बचपन से ही फुटबॉल खेलना काफी पसंद था। तमाम कठिनाईयों से जूझने और कड़ी चुनौतियों को मात देकर रहीम ने फुटबॉल में महारथ हासिल की थी। भारत को फुटबॉल में गोल्ड मेडल दिलाना रहीम का सपना था। मगर दुर्भाग्यवश उस दौर में देश गुलामी का दंश झेल रहा था और रहीम का सपना अधूरा रह गया।

आजादी के बाद रचा इतिहास

15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और सैय्यद अब्दुल रहीम की पत्नी प्रियामणि ने उन्हें अपना सपना पूरा करने की हिदायत दी। सैय्यद अब्दुल रहीम ने युवाओं के साथ फुटबॉल की नई टीम तैयार की और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। 1951 में देश की राजधानी दिल्ली में एशियन गेम्स का आयोजन हुआ और भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।

समर ओपलंपिक में पहुंचा भारत

1956 को मेलबर्न में समर ओलंपिक की शुरुआत हुई। सैय्यद अब्दुल रहीम ने विदेशी रणनीति के आधार पर भारतीय खिलाड़ियों को फुटबॉल की ट्रेनिंग दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि समर ओलंपिक में सभी बड़ी टीमों को मात देकर भारत ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली थी। इंडियन फुटबॉल टीम समर ओलंपिक में जीत हासिल नहीं कर सकी, मगर विदेशी जमीं पर शानदार प्रदर्शन करने के कारण भारत को ‘एशिया के ब्राजील’ कहा जाने लगा।

फुटबॉल ने जीता दूसरा गोल्ड

50 के दशक को भारत के फुटबॉल का स्वर्णिम काल कहा जाता है। 1962 में एक बार फिर इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एशियन गेम्स शुरू होने वाले थे। मगर सैय्यद अब्दुल रहीम को कैंसर हो गया। हालांकि बीमारी से जंग लड़ने के बावजूद उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम को ट्रेनिंग दी और एशियन गेम्स में भारत ने दोबारा गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। 11 जून 1963 को सैय्यद अब्दुल रहीम ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मगर फुटबॉल के इतिहास में उनका नाम हमेशा के लिए अमर हो गया।

मैदान फिल्म

अजय देवगन की फिल्म ‘मैदान’ इसी कहानी पर आधारित है। इस फिल्म में भी अजय देवगन ने ‘रहीम साब’ के किरदार को पर्दे पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म में बंगाली अदाकारा रुद्रानी घोष ने सैय्यद अब्दुल रहीम की पत्नी प्रियामणि का रोल निभाया है। अमित शर्मा के निर्देशन में बनने वाली ये फिल्म 10 अप्रैल को रिलीज होने वाली है।

First published on: Apr 06, 2024 10:43 AM

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