IAS Officer Anu Kumari Success Story: एक औरत की जिंदगी में सबसे खूबसूरत रिश्ता उसके बच्चे के साथ होता है। ये निस्वार्थ होता है, जिसमें मां अपने बच्चे पर प्यार न्योछावर करती है। बच्चे के लिए भी मां से बढ़कर कुछ नहीं होता। लेकिन जरा सोचिए कि सिर्फ 4 साल के मासूम को छोड़ अपने करियर के सपने को पूरा करना किसी मां के लिए कितना मुश्किल होता होगा। 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। ऐसे में हम एक खास सीरीज शुरू कर रहे हैं जिसमें उन महिलाओं की जर्नी के बारे में बताएंगे जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने ख्वाब को नहीं टूटने दिया। इस लिस्ट में सबसे पहले हम IAS ऑफिसर अनु कुमारी की जर्नी के बारे में बताएंगे। ये उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं जो जिम्मेदारियों के बोझ तले सपनों को भूल जाती हैं।
अनु पर उंगली उठाने वालों को खामोशी से दिया करारा जवाब
अनु कुमारी ने यूपीएससी 2016 में सेकंड रैंक हासिल कर इतिहास रचा। उन्होंने समय यूपीएससी का एग्जाम देने का फैसला लिया जब उनका कलेजे का टुकड़ा ‘वियान’ सिर्फ ढाई साल का था। अनु ने बेटे से दूर रहकर पढ़ाई की, इस दौरान लोगों ने उनकी ममता पर सवाल उठाए। लेकिन अनु ने खामोशी के साथ अपने सपने को पूरा किया और लोगों को करारा जवाब दिया।
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अनु की कहानी उन्हीं की जुबानी
रिचा अनिरुद्ध के शो ‘जिंदगी विथ रिचा’ में अनु आईं और उन्होंने बताया कि कभी बचपन में मन में ख्याल आया था कि वो आईएएस ऑफिसर बनें। इसके बाद ग्रेजुएशन करने के दौरान भी सोचा लेकिन कभी सॉलिड वाली फीलिंग नहीं आई। अनु ने बताया कि फाइनेंशियल कंडीशन इतनी अच्छी नहीं थी कि कोचिंग ले सकें और इतना विश्वास नहीं था कि सेल्फ स्टडी से एग्जाम पास किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने अपना ड्रीम छोड़ दिया था, लेकिन फिर नौकरी छोड़ सपने को पूरा करने का पक्का इरादा किया।
शादी के बाद सपना हुआ साकार
अनु ने बताया कि बताया कि उन्होंने अपने आईएएस बनने के सपने को शादी के बाद साकार किया। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया कि कॉरपोरेट जॉब छोड़ कुछ अलग करने का मन बना। रिस्क पर नौकरी छोड़ी दुनिया के खिलाफ गईं और यूपीएससी का एग्जाम दिया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार वालों ने उनका पूरा साथ दिया।
भाई ने की पहल
अनु ने बताया कि उनके छोटे भाई ने उनकी जिंदगी उस समय बदल दी जब आईएएस टीना डाबी को देख उनका भी फॉर्म भर दिया। वहीं उनके मामा के एक मैसेज ने फिर से सपने को जीवित कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा था कि अगर तुम एग्जाम देने के लिए रेडी हो तो तुम्हारे और बच्चे का खर्च वो मैं उठाउंगा। वहीं से हिम्मत आई और अनु ने अच्छे पैकेज वाली नौकरी से इस्तीफा दे एग्जाम की तैयारी करने का मन बना लिया।
ससुराल वालों को समझाना था थोड़ा मुश्किल
अनु कुमारी ने बताया कि उनके पति ने तो काफी सपोर्ट किया लेकिन ससुराल वालों को समझाना थोड़ा मुश्किल था। उन्हें विश्वास नहीं था कि वो इतना बड़ा एग्जाम पास कर लेंगी। ऊपर से ढाई साल के बच्चे को छोड़कर तैयारी करना बहुत मुश्किल था। इस दौरान अनु भावुक हो गईं और फूट-फूटकर रो पड़ीं। अनु ने लोगों से आग्रह किया कि अगर आपके घर में कोई किसी एग्जाम की तैयारी कर रहा है तो उसे सभी को सपोर्ट करना चाहिए। अनु ने बताया कि वो अपने बच्चे से लगभग 2 साल तक दूर रहीं।
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