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CBSE स्कूलों के लिए अलर्ट, अब तीसरी आंख की नजर में रहेंगे, सरकार का प्लान तैयार, मकसद बेहद खास

News24 Exclusive Interview With CBSE IT Director Antariksh Johri: अतंरिक्ष जोहरी ने बताया इस सॉफ्टवेयर का नाम सागर से सारांश रखा गया हैं।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Oct 19, 2023 20:17
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दिव्या अग्रवाल, 

News24 Exclusive Interview With CBSE IT Director Antariksh Johri: देश भर के CBSE स्कूलों पर अब ये तीसरी आंख निगरानी रखने वाली है। शिक्षा मंत्रालय ने पूरे देश के 28000 स्कूलो, 12.5 लाख शिक्षक और 3.45 करोड़ छात्रों पर निगरानी रखने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसका नाम सारांश है। इस सिलसिले में CBSE के आईटी डायरेक्टर अतंरिक्ष जोहरी से न्यूज़24 से एक्सक्लुसिव बातचीत की।

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न्यूज़24 के साथ एक्सक्लुसिव बातचीत में CBSE के आईटी डायरेक्टर अतंरिक्ष जोहरी ने बताया इस सॉफ्टवेयर का नाम सागर से सारांश रखा गया हैं जैसे सागर से मोती को ढूंढा जाता हैं ऐसे ही पूरे देश के स्कूलों और बच्चो के प्रदर्शन का अब मूल्यांकन इस सॉफ्टवेयर की मदद से किया जायेगा।

क्या है उद्देश्य

आपके बच्चे की पढ़ाई का मूल्यांकन अभी तक स्कूलों द्वारा ही किया जा रहा हैं, लेकिन अब स्कूल्ज, टीचर्स, पेरेंट्स के अलावा सरकार भी आपके बच्चे की पढ़ाई का मूल्यांकन करेंगी, उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकारी पूरे देश में विश्व समीक्षा केंद्र खोल चुकी है जिसमे पूरे देश के 28 हज़ार स्कूलों में पढ़ने वाले ढाई करोड़ छात्रों का डाटा मौजूद हैं, स्कूलों में पर्यावरण से लेकर प्रतियोगिताओ तक का डाटा इस केंद्र के पास मौजूद हैं, और उसी के आधार पर आपके बच्चे की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जायेगा।

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छात्रों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश 

शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूलों मै होने वाले प्रोग्रामस जैसे UDISE, छात्र डेटाबेस, निपुण भारत, शिक्षक डेटाबेस, दीक्षा, कौशल शिक्षा के जरिये छात्रों का विश्लेषण किया जायेगा, इस डाटा के आधार अपर छात्रों की प्रदर्शन में बढ़ोतरी होंगी, स्टूडेंट्स के सीखने के स्तर में प्रगति, स्कूल से बाहर के बच्चों को मुख्यधारा में लाने, पाठ्यपुस्तक वितरण, शिक्षकों और स्कूलों द्वारा आवश्यक समर्थन पर नजर रखने के लिए राज्य स्तर पर एक केंद्रीय प्रणाली यानी विद्या समीक्षा सॉफ्टवेयर की शुरुआत की गई हैं।

डेटा और टेक्नोलॉजी का लाभ

विद्या समीक्षा केंद्र का उद्देश्य सीखने के परिणामों में तेजी लाने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना है। इसमें 15 लाख से अधिक स्कूलों, 96 लाख शिक्षकों और 26 करोड़ छात्रों के डेटा को कवर किया जाएगा और बड़े डेटा विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करके उनका सार्थक विश्लेषण किया जाएगा ताकि शिक्षा प्रणाली की समग्र निगरानी को बढ़ाया जा सके और सीखने के परिणामों में सुधार किया जा सके

छात्रों के स्कूल छोड़ने पर रखी जाएगी निगरानी

सीखने के परिणाम, ड्रॉपआउट, शिक्षकों और स्कूलों द्वारा आवश्यक समर्थन सहित नामांकित छात्रों पर नज़र रखना। राज्य स्तर पर क्षेत्र स्तर की शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी और ट्रैक करना और क्षेत्र में प्रशासकों और शिक्षकों को डेटा संचालित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाना, इस सॉफ्टवेयर का मुख्य मकसद हैं।

छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार करना और स्कूलों में शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ाना और उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Oct 19, 2023 07:14 PM
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