अमित कसाना, नई दिल्ली: गांव के पंचायत घर में असमाजिक तत्वों का डेरा रहता था। युवक गलत राह पर नहीं जाएं इसलिए वर्ष 2018 में नोएडा के झुंडपुरा गांव निवासी रामवीर तंवर ने अपने गांव के पंचायत घर में एक लाइब्रेरी की शुरूआत की। गांव की इस लाइब्रेरी की सफलता ने उन्हें जीवन में मानों नया मकसद दे दिया। उन्होंने 100 गांवों में (मिशन 100: रूरल लाइब्रेरी) रूरल लाइब्रेरी खोलने का सपना बुना और लाइब्रेरी खोलने के काम में लग गए। 100 लाइब्रेरी पूरी हुई तो लोग उन्हें “लाइब्रेरी मैन ऑफ इंडिया” के नाम से पुकारने लगे।
जिले के प्रत्येक गांव में जनभागीदारी के माध्यम से पुस्तकालय संचालित किए जाने हेतु कलक्ट्रेट सभागार में दिल्ली से आई टीम के सदस्यों की मौजूदगी में ग्राम पाठशाला का आयोजन किया गया। गांव के पुस्तकालय में मिलेंगी वाईफाई सहित अन्य बेहतर सुविधाएं। @CMOfficeUP @ChiefSecyUP @UPGovt pic.twitter.com/ImD3vDgwdE
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छह राज्यों में 300 लाइब्रेरी
पेशे से बीटेक (मैकेनिकल इंजिनयर) रामवीर एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने गांव के लोगों के सहयोग से ही लाइब्रेरी खोलने की शुरूआत की। आज देशभर के अलग-अलग राज्यों यूपी, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा में वह कुल 300 से अधिक लाइब्रेरी खुलवा चुकें हैं। उनकी टीम में एनएचआरसी में इंस्पेक्टर लालबहार, शिक्षक अजयपाल, पुलिसकर्मी प्रवीण बैंसला, सोनू बैंसला, मोटिवेशनल स्पीकर अमर चौधरी समेत समेत अलग-अलग पेशे से जुड़े 250 लोग हैं।
2020 में ग्राम पाठशाला
सितंबर 2020 में जब लोग जुड़े तो उन्होंने अपने मिशन को नाम दिया “ग्राम पाठशाला”। यह सभी लोग अपने काम से छुट्टी वाले दिन गांव-गांव में पैदल व साइकिल पर रैली निकालते हैं। हाथ में बैनर-पोस्टर लिए लोगों को किताबें, लाइब्रेरी के महत्व को बताते हैं। फिर गांव वालों को राजी कर उनके सहयोग से ही लाइब्रेरी का निर्माण स्थानीय समुदाय भवन, पंचायत घर या जहां जगह मिले वहां करवाते हैं।
छह लाख लाइब्रेरी
टीम ग्राम पाठशाला की मंशा है कि देशभर के छह लाख से अधिक गांवों, छोटे कस्बों तक वह लाइब्रेरी खोलें। जिससे आसपास के युवा इंटरनेट, टीवी आदि में अधिक समय लगाकर जो समय बर्बाद कर रहें हैं वह इन लाइब्रेरी में जाकर पढ़ें और नशा करने की बजाए किताबों से अपनी दोस्ती करें। टीम ग्राम पाठशाला का सपना है कि भारत को विश्व पुस्तकालय वाले देश क तौर पर जाना जाए।