गुवाहाटी: असम में दसवीं कक्षा बोर्ड के चिंताजनक नतीजे सामने आए हैं। राज्य के 34 स्कूलों में से कोई भी छात्र इस साल हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) उत्तीर्ण करने में सफल नहीं हो पाया है। नतीजतन प्रदेश की भाजपानीत सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है।
अभी पढ़ें – Uri: घुसपैठ की कौशिक नाकाम, सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया
बंद किए गए स्कूलों में से सात स्कूल कार्बी आंगलोंग जिले से, 5-5 जोरहाट और कछार से, 2-2 धुबरी, गोलपारा, लखीमपुर, नागांव से और 1-1 गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, नलबाड़ी, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग चिरांग, दरांग और डिब्रूगढ़ जिलों से हैं।
इन स्कूलों के 500 से अधिक छात्र इस साल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन असम (SEBA) द्वारा आयोजित HSLC परीक्षा में शामिल हुए थे।
राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक बंद होने वाले स्कूलों को आसपास के अन्य सरकारी स्कूलों में मिला दिया जाएगा और उनके शिक्षकों और छात्रों को भी वहीं स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
इस साल जून में, राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दसवीं कक्षा की परीक्षा में खराब परिणाम के लिए 102 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शून्य सफलता वाले लोगों के अलावा, सूची में 10% से कम पास प्रतिशत वाले विद्यालय शामिल थे। बता दें कि जून में ही राज्य सरकार ने लगभग 800 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना की घोषणा की, जिनमें प्रत्येक में 30 से कम छात्र हैं।
इस साल, पास प्रतिशत 93.10% से गिरकर 56.49% हो गया था। स्कूलों को बंद करने के फैसले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट के जरिए लिखा है, “स्कूल बंद करना समाधान नहीं है। हमें बस पूरे देश में कई नए स्कूल खोलने की जरूरत है। स्कूल बंद करने के बजाय, स्कूल में सुधार करें और शिक्षा को सही करें।”
अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here – News 24 APP अभी download करें
Edited By