Nepal Help In Tomato Crisis: टमाटर की बढ़ती कीमतों से निजात पाने में भारत की मदद के लिए नेपाल ने हाथ बढ़ाया है। भारत ने नेपाल से टमाटर का आयात भी शुरू कर दिया है। इसके बदले में नेपाल ने भारत सरकार को पत्र लिखकर बदले में चावल और चीनी की मांग की है।
नेपाल अपनी चावल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत पर अत्यधिक निर्भर है। भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत से 1.4 मिलियन टन चावल (1.38 मिलियन टन गैर-बासमती और 19,000 टन बासमती चावल) आयात किया, जो रिकॉर्ड पर सबसे अधिक आयात है।
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बताया गया है कि भारत की ओर से चावल का निर्यात बंद करने के तुरंत बाद, नेपाल में चावल की खुदरा कीमतें 200 रुपये से 250 रुपये प्रति 25 किलोग्राम तक बढ़ गईं। त्योहारी सीजन नजदीक आते ही पड़ोसी देश में कीमतें और बढ़ने की भी आशंका है, इसलिए नेपाल ने भारत से टमाटर के बदले चावल और चीनी की मांग की है।
वित्त मंत्री ने टमाटर को लेकर संसद में दिया था ये आश्वासन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए बताया कि देशभर में बढ़ती कीमतों के बीच भारत ने नेपाल से टमाटर का आयात शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि नेपाल से टमाटर की पहली खेप वाराणसी, लखनऊ और कानपुर सहित उत्तर भारतीय शहरों तक पहुंचने की संभावना है।
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बोलीं- दिल्ली एनसीआर में 70 रुपये तक हो जाएंगी टमाटर की कीमतें
केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमतें 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि नेपाल के अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक से केंद्र सरकार टमाटर खरीद रही है और उन्हें NAFED और अन्य सहकारी समितियों के माध्यम से दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में वितरित कर रही है।
बता दें कि पिछले तीन महीनों में, थोक बाजार में टमाटर की कीमतें 1,400% से अधिक बढ़कर रिकॉर्ड 140 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। किसानों ने खराब बारिश, उच्च तापमान और फसल पर वायरस के प्रकोप समेत अन्य कारणों का हवाला दिया है। कुछ राज्यों में तो टमाटर की कीमतें 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं।