TV Sundram Iyengar Success Story: TVS मोटर्स इंडिया की तीसरी बड़ी टू-व्हीलर कंपनी। जिसने अपने सस्ती बाइक से एक आम आदमी के सपने पूरे किए। वहीं कंपनी की स्कूटी ने तो धूम ही मचा दी। इंडियन वूमेन के दिल में TVS स्कूटी की एक अलग ही जगह है।आपको बता दें कि ABS तकनीक बाइक में TVS ही पहली बार भारत में लेकर आई। Apache RTR सीरीज ने तो स्पीड के साथ परफॉर्मेंस में अलग ही रिकॉर्ड बना दिया। आपको बता दें कि अपने शरुआती समय में TVS को कई विदेशी कंपनियों से मदद लेनी पड़ी थी। पर आज ये कंपनी BMW के साथ मिलकर धूम मचा रही है। तो चलिए चलते हैं TVS के उस सफर पर जहां से इसके लिए पहले प्लान का जन्म हुआ था।
TVS एक जुनून का नतीजा है
दरअसल नाम से ये कंपनी एक विदेशी लगती है, पर ये साउथ इंडिया के एक आम लड़के के एक जुनून का नतीजा है। ये कहानी शुरू होती है साल 1877 से, तमिलनाडु में टीवी सुंदरम अयंगर का जन्म हुआ था। पिताजी का सपना था कि टीवी सुंदरम अयंगर एक वकील बने, इसलिए अयंगर ने अपना पूरा ध्यान वकालत की पढ़ाई पर कर दिया। लेकिन मंजिल कुछ और लिखी थी तो कहां मन वकालत की पढ़ाई में लग पाता। इसलिए कुछ दिन रेलवे में काम करने के बाद बैंक में टीवी सुंदरम अयंगर नौकरी करने लगे।
शुरू की पहली बस सर्विस
लेकिन कहते हैं ना जिस इंसाान की किस्मत में हजारों को नौकरी देना लिखा था, वो कैसे कहीं किसी के अंडर काम कर सकता था। फिर क्या मंथन का दौर शुरू हो गया, काफी सोचा गया और निष्कर्ष ये निकला की अपना ही कोई बिजनेस शुरू किया जाए। पर उस समय देश गुलाम था, अग्रेज नहीं चाहते थे कि कोई भारतीय आगे निकल कर आए। इसलिए सरकारी नौकरी छोड़कर बिजनेस में कदम रखना बेहद ही रिस्की मामला था। सारी समस्या को दरकिनार करते हुए साल 1911 में टीवी सुंदरम अयंगर ने तमिलनाडु के अंदर टीवी सुंदरम अयंगर एंड संस के नाम से साउथ इंडिया की पहली बस सर्विस की शुरूआत की। जिसने 80 किलोमीटर का सफर तय किया था।
बस की टाइमिंग लोगों के लिए घड़ी का काम कर रही थी
ये बस सर्विस अपनी टाइमिंग को लेकर लोगों के बीच में फेमस हो गई। कहा जाता था कि 1 मिनट भी ये बस कभी लेट नहीं हुई। अब लोगों का प्यार इस सर्विस को खूब मिला, तो उन्होंने इससे भी आगे जाने का फैसला किया। और फिर साल आया 1919 जब TVS ने मैन्युफैक्चरिंग में अपने कदम रखे। इस साल कंपनी ने मद्रास ऑटो सर्विस लिमिटेड की शुरूआत की, जिसमें सुंदरम मोटर्स के नाम से सेल्स और सर्विस के साथ स्पेयर पार्ट्स बनाने शुरू कर दिए। देखते ही देखते कुछ सालों बाद उन्हें जनरल मोटर्स की डीलरशिप भी मिल गई।
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आज 40 से ज्यादा कंपनी हैं TVS ग्रुप में
इसी के साथ ऑटोमोबाइल के फील्ड में उनका अनुभव बढ़ता ही चला गया। आगे की पीढ़ी ने साल 1980 में टीवी सुंदरम अयंगर के सपने को बाइक की शक्ल में जन्म दिया। इसके बाद तो कंपनी अपने प्रॉफिट में 4 गुने की रफ्तार से बढ़ रही थी। फिर क्या बाइक बाजार में आते ही लोगों के दिलो-दिमाग पर छा गई थी। कंपनी ने कभी पीछे मुढ़ कर ही नहीं देखा। आज कंपनी के ग्रुप में करीब 40 कंपनी चल रही हैं। 8.5 बिलियन डॉलर की रेवेन्यू वाला ये TVS ग्रुप आज 60,000 से ज्यादा लोगों को नौकरी दे रहा है। TVS मोटर्स इसी ग्रुप का एक हिस्सा है। जो अकेले ही 3.1 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी ग्रुप में रखता है।