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Digital Fraud को रोकने के लिए RBI का बड़ा कदम, बैंकिंग सर्विस में हो सकते हैं ये बदलाव

RBI Guidelines for Digital Fraud:  भारतीय रिजर्व बैंक ने NPCI और बैंकों के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी किया है। इसे डिजिटल फ्रॉड को रोकने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की बात कही है।

Edited By : Simran Singh | Updated: Aug 1, 2024 14:12
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RBI Guidelines for Digital Fraud
डिजिटल धोखाधड़ी के लिए आरबीआई दिशानिर्देश

RBI Guidelines for Digital Fraud: डिजिटल दुनिया में लगभग देश के सभी लोग अपना कदम रख चुके हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए दूर-दराज बैठे लोगों से लेनदेन करना आसान हो चुका है। कई लोगों ने कैशलेस इंडिया की पहल को अपना लिया है। हालांकि, लेनदेन की सुविधा आसान होने के साथ-साथ लोगों के लिए समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में बढ़ोतरी होने के साथ बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं और इन पर रोकथाम के लिए विभिन्न बैंक तरह-तरह के निर्देशों को अपनाते भी नजर आते रहते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बैंकिंग फ्रॉड (Banking Fraud) या डिजिटल फ्रॉड (Digital Fraud) को रोकने के लिए खास कदम उठाने का फैसला लिया गया है। इसे लेकर RBI ने ड्राफ्ट गाइडलाइंस को जारी किया है। साथ ही लोगों को भी इस प्रस्ताव पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया है।

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RBI की ड्राफ्ट गाइडलाइंस में क्या है खास?

भारतीय रिजर्व बैंक की ड्राफ्ट गाइडलाइंस में वेंडर के लिए आधार-इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (Aadhaar-Enabled Payment System) यानी AePS की शुरुआत करने के लिए कहा गया है। ऐसे में डिजिटल लेनदेन के लिए SMS-आधारित OTP सिस्टम को अपनाना जरूरी हो सकता है।

दूसरे ड्राफ्ट में डिजिटल लेनदेन के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की भी शुरुआत करने के लिए कहा गया है। इस प्रस्ताव को लेकर RBI और अन्य बैंक ने एनपीसीआई को निर्देश दिया है।

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6 महीने तक लेनदेन न करने पर KYC जरूरी

आरबीआई की ओर से ऐसा भी कहा गया है कि अगर किसी वेंडर द्वारा पिछले 6 महीने से किसी तरह का डिजिटल लेनदेन न किया जाए तो बैंक फिर से केवाईसी करें। इसके अलावा आरबीआई ने बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड, 1 लाख रुपये तक के क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के अलावा 15 हजार रुपये तक के वैल्यू के लिए अन्य कैटेगरी से संबंधित रिक्यूरिंग ट्रांजैक्शन के लिए ई-जनादेश (e-mandate) दिया है।

वहीं, NPCI ने कहा है कि वो इस चीज का खास ध्यान रखेंगे कि सिर्फ एक ही बैंक द्वारा AePS लागू किया जाए। बैंकों और एनपीसीआई और बैंकों को इन प्रस्ताव के निर्देशों का पालन करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है। साथ ही इन प्रस्तावों को लेकर आरबीआई ने कहा है कि 31 अगस्त तक आम लोग भी अपनी राय दे सकते हैं।

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Edited By

Simran Singh

First published on: Aug 01, 2024 01:54 PM

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