नई दिल्ली: सब्जियों और मसालों के दामों में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बाद अब दाल ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से दाल के दाम (Pulses Price Hike) में अच्छी बढ़ोतरी देखी जा रही है और आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी की आशंका है।
दरअसल इस साल कमजोर बारिश के कारण दलहन की खेती प्रभावित हुई है। एक आंकड़े के मुताबिक इस साल खरीफ मौसम में मूंगफली के लिए बोए गए क्षेत्र का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसदी तक कम हो सकता
जुलाई में सब्जी के दामों में 37 फीसदी तक उछाल आने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति को 7.4 फीसदी पर पहुंच गई थी जो अपने 15 महीने का उच्चतम स्तर था। वहीं दालों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं, जो जून में 10.6 फसदी से जुलाई में 13.3% तक बढ़ गए हैं।
बाजार के जानकारों के मुताबिक तुर दाल और मूंग दाल के दामों में जुलाई में 34.1 फीसदी और 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें अभी और बढ़ोतरी की आशंका है। दरअसल दालों की बोई गई क्षेत्र का क्षेत्रफल पिछले साल से 9.2 फीसदी कम रहने का अनुमान है।
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दालों के दाम, खासकर तुअर के दाम में इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से अबतक 18 से 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इसके साथ ही, खरीफ फसल के लिए बोए गए क्षेत्र में भी कमी आई है। ऐसे में आने वाले समय में मूंगफली के मूल्य में और बढ़ोतरी की संभावना है।
इस बीच आम लोगों की लिए राहत की बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से टमाटर और प्याज के तेवर थोड़े ढीले पड़े हैं। साथ ही संभावना है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमत में और नरमी आ सकती है।
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