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पतंजलि के लिए बड़ी उपलब्धि, Renogrit पर शोध को अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल के टॉप 100 में मिली जगह

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि इस धारणा को बदलने में कामयाब रही है कि जड़ी-बूटियों से निर्मित औषधि कारगर नहीं हो सकती। पतंजलि ने कई ऐसी दवाएं तैयार की हैं, जो गंभीर बीमारियों की जड़ पर वार करती हैं और उनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता।

Author Edited By : Neeraj Updated: Mar 19, 2025 17:13

बाबा रामदेव अपने आयुर्वेद के ज्ञान से लोगों को स्वस्थ बनाने के अभियान में जुटे हैं। इसी क्रम में पतंजलि ने किडनी की आयुर्वेदिक दवा रीनोग्रिट तैयार की है। इस मेडिसिन को लेकर किए गए पतंजलि के शोध को विश्व प्रसिद्ध पब्लिशर नेचर पोर्टफोलियो ने 2024 के टॉप 100 शोध में शामिल किया है।

कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि

पतंजलि के वैज्ञानिकों ने किडनी की साक्ष्य आधारित आयुर्वेदिक दवा रीनोग्रिट बनाई है। इस दवा और पतंजलि के शोध ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात प्रकाशक नेचर पोर्टफोलियो का ध्यान आकर्षित किया है। संस्था ने अपने रिसर्च जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के 2024 के टॉप 100 शोध में पतंजलि के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध को शामिल किया है। यह बाबा रामदेव की कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है।

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इम्पैक्ट फैक्टर है 3.8

नेचर पोर्टफोलियो की साइंटिफिक रिपोर्ट्स का इम्पैक्ट फैक्टर 3.8 है और यह दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा Cited जर्नल है। रीनोग्रिट पर प्रकाशित इस रिसर्च पेपर को अब तक 2,568 लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया है। इससे पता चलता है कि आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर जिज्ञासा और उनके प्रति विश्वास बढ़ रहा है। बता दें कि इम्पैक्ट फैक्टर का मतलब यह है कि जर्नल द्वारा प्रकाशित शोधपत्रों को अन्य शोधपत्रों में कितनी बार उद्धृत (Cited) किया जाता है।

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भरोसे में आएगी मजबूती

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि इस धारणा को बदलने में कामयाब रही है कि जड़ी-बूटियों से निर्मित औषधि कारगर नहीं हो सकती। पतंजलि ने कई ऐसी दवाएं तैयार की हैं, जो गंभीर बीमारियों की जड़ पर वार करती हैं और उनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता। पतंजलि के शोध हमेशा से वैज्ञानिकों के बीच कौतूहल का विषय रहे हैं। अब नेचर पोर्टफोलियो के रिसर्च जर्नल में पतंजलि का शोध प्रकाशित होना, कंपनी के प्रति लोगों के भरोसे को और मजबूत करेगा।

इस तरह काम करती है दवा

खास बात यह है कि रीनोग्रिट न केवल कैंसर की एलोपैथिक दवा Cisplatin से खराब हुई किडनी को ठीक करती है, बल्कि किडनी कोशिकाओं पर पड़ने वाले Oxidative स्ट्रेस को भी ठीक करती है। रिसर्च में बताया गया है कि रीनोग्रिट उपचार ने Cisplatin‐Induced HK-2 कोशिकाओं में एपोप्टोसिस और नेक्रोपटोसिस को कम किया है। जबकि Cisplatin‐Induced HK-2 कोशिकाओं में लाइसोसोम पॉपुलेशन और माइटोफैजी को बढ़ाया है।

आचार्य बालकृष्ण ने कही ये बात

इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रीनोग्रिट की सफलता आयुर्वेद की वैज्ञानिक प्रमाणिकता को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि जब सनातन विज्ञान को नवीन तकनीकों के साथ कसौटी पर परखा जाता है, तो किस प्रकार अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त होते हैं।

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Neeraj

First published on: Mar 19, 2025 05:13 PM

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