सरकार ने 21 नवंबर से चार बड़े लेबर कोड लागू किए हैं. इसके साथ कई नए बदलाव हुए हैं. पिछले कई दशकों में हुआ ये सबसे ऐतिहासिक बदलाव है. नए चार लेबर कोड का मकसद कम्प्लायंस पक्का करना, लागू करने को आसान बनाना और पुराने कानूनों को मॉडर्न बनाना है. ये सभी सेक्टर के वर्कर्स के लिए बेहतर सैलरी, ज्यादा सोशल सिक्योरिटी कवरेज और बेहतर हेल्थ से जुड़ी सुरक्षा पक्का करने में मदद करेंगे.
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नए लेबर कोड के आने से सभी सेक्टर के कर्मचारियों की जिंदगी और सेहत का ख्याल रखना कितना आसान बन जाएगा आइये आपको बताते हैं.
कर्मचारियों की सेहत का ख्याल
इस लेबर कोड में एक और बड़ा बदलाव हेल्थ और मेडिकल कवरेज है. 40 साल से ज्यादा उम्र के हर कर्मचारी को अब सालाना फ्री हेल्थ चेकअप मिलेगा.
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यह प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की तरफ एक बड़े कदम का हिस्सा है, खासकर उन सेक्टर में जहां लंबे समय तक काम करना, खतरनाक माहौल या फिजिकल स्ट्रेन आम बात है.
इसका फायदा इंडस्ट्रीज को भी होगा. सरकार का टारगेट है कि गैरहाजिरी कम हो, हेल्थ प्रॉब्लम का जल्दी पता चले और लंबे समय तक चलने वाले मेडिकल खर्च में कमी आए. खासकर, प्लांटेशन वर्कर्स को अब ESIC मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी, जो पहले हर किसी को आसानी से नहीं मिलती थीं.
सरकार इन बदलावों को वर्कर के फायदे वाले नियम बताती है, जिन्हें बीमारी का जल्दी पता लगाने, मेडिकल खर्च कम करने और लंबे समय में सेहत को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.
उम्मीद है कि ज्यादा सेहतमंद वर्कर ज्यादा प्रोडक्टिविटी, बेहतर सेफ्ट रिकॉर्ड और ज्यादा स्टेबल नौकरी के रिश्ते लाएंगे.










