---विज्ञापन---

मकान मालिक नहीं दे रहा है पैन! HRA क्लेम कैसे करें? जानें

HRA claim: अक्सर नौकरी के लिए लोग अलग-अलग शहरों में जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, उन्हें किराए की घर में रहना पड़ता है। इसलिए, नियोक्ता इस खर्च की भरपाई के लिए कर्मचारियों को अक्सर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देते हैं। एचआरए वेतन का एक हिस्सा है जो कर्मचारियों को घर के किराये की लागत को […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Jun 27, 2023 12:07
Share :
tax

HRA claim: अक्सर नौकरी के लिए लोग अलग-अलग शहरों में जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, उन्हें किराए की घर में रहना पड़ता है। इसलिए, नियोक्ता इस खर्च की भरपाई के लिए कर्मचारियों को अक्सर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देते हैं। एचआरए वेतन का एक हिस्सा है जो कर्मचारियों को घर के किराये की लागत को कवर करने के लिए उनके मूल वेतन के अतिरिक्त मिलता है।

HRA आयकर अधिनियम की धारा 10(13ए) के तहत कटौती के लिए पात्र है, यह आंशिक या पूरी तरह से कर योग्य भी हो सकता है। स्व-रोजगार वाले लोग भी HRA कर लाभ से लाभ उठा सकते हैं।

---विज्ञापन---

यदि कर्मचारी द्वारा भुगतान किया जाने वाला सालाना किराया ₹ 1 लाख प्रति वर्ष से अधिक है, तो कर्मचारी को मकान मालिक के पैन की आवश्यकता होगी, जिसे उसे नियोक्ता को देना होता है। कर कानून यह भी कहता है कि यदि मकान मालिक के पास पैन नहीं है, तो नाम और पते के साथ मकान मालिक की ओर से इस आशय की घोषणा कर्मचारी द्वारा दाखिल की जानी चाहिए। यदि मकान मालिक आपको अपना पैन उपलब्ध नहीं करा रहा है तो क्या आप HRA (मकान किराया भत्ता) का दावा कर सकते हैं?

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कर विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी कर्मचारी बिना मकान मालिक के पैन कार्ड के भी कर रिटर्न में HRA के तहत कर लाभ का दावा कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है, ‘एक बार जब किसी व्यक्ति को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है, तो मकान मालिक का पैन प्रस्तुत करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।’

---विज्ञापन---

वहीं, HRA दावे पर कर अधिकारियों की जांच हो सकती है। बताया गया कि कर अधिकारी कर्मचारी द्वारा किए गए दावे की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए मामलों की जांच कर सकते हैं।

HRA दावे को प्रमाणित करने के लिए, कर्मचारी को किराया समझौता/पट्टा विलेख, किराए की रसीदें, अधिभोग के लिए सोसायटी को सूचना आदि का रिकॉर्ड रखना होगा। वहीं, यह भी सुनिश्चित करना है कि किराया भुगतान बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किया जाए क्योंकि नकद लेनदेन को वास्तविक नहीं माना जा सकता है।

HISTORY

Edited By

Nitin Arora

First published on: Jun 27, 2023 12:07 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें