Israel Hamas War Cryptocurrency: हमास, इजराइल के बीच वॉर चरम पर पहुंच चुका है। इस वॉर के लिए हमास आधुनिक हथियार जैसे ड्रोन, रॉकेट, पैराग्लाइडर जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। तो फिर सवाल ये है कि इतनी आधुनिक तकनीक के लिए इतने पैसे कहां से आए? हमास की मदद कौन कर रहा है? दरअसल आप सभी जानते ही हैं कि विश्व भर में आतंकी संगठन मौजूद हैं। जो हमास के लिए मदद कर रहे हैं। पर क्या पैसा पहुंचाना इतना आसान है? पिछले कुछ समय में देखा गया है कि आंतकी संगठन एक दूसरे की मदद डिजिटल फॉर्म में कर रहे हैं।
डिजिटल फॉर्म में आतंकी हासिल कर रहे हैं पैसा
डिजिटल फॉर्म की बात जब भी आती है तो क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) का जिक्र दिमाग में जरूर आता है। क्रिप्टोकरेंसी का रोल भी हमास, इजराइल के बीच वॉर में दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंस सिस्टम मुश्किल से ही ट्रेक कर पाता है। इसलिए कई देशों ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है। ब्लैक मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी का धड़ले से इस्तेमाल देखा गया है, लेकिन अब आंतकी समूह को भी इससे फाइनेंशियली सपोर्ट किया जा रहा है।
2020 में अमेरिकी रिपोर्ट ने सभी को चौंकाया
अगस्त 2020 में अमेरिकी सरकार ने लाखों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी को आंतकी संगठनों से जब्त किया था। आतंकी संगठन इसके जरिए पैसे इकठ्ठे कर रहे थे। रिपोर्ट्स की मानें तो अगस्त 2021 से जून 2023 के बीच फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद आतंकी संगठन ने 9.3 करोड़ डॉलर क्रिप्टोकरेंसी के रुप में जमा किए थे। ये वही संगठन है जिसने इजराइल में आम लोगों को बंधी बनाया है।
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दिल्ली से क्रिप्टोकरेंसी की हुई चोरी
दो दिन पहले दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया था कि, भारतीय नागरिक के 30 लाख क्रिप्टोकरेंसी चोरी करके हमास भेजा गया था। इसके बारे में जानकारी खुद इजरायली अधिकारी ने दी थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इसके लिए छानबीन में पाया कि ये बात ठीक है। इसलिए कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी आतंकियों के लिए एक सेफ जरिया बन चुका है, पैसे हासिल करने का।