Financial Influencer Exposed Loan Fraud : सोचिए, आपके पास किसी शख्स का फोन आए और वह कहे कि आपने जो लोन लिया था, उसकी EMI नहीं भरी है। तुरंत इसकी EMI भरें। आप शायद उस शख्स की यह बातें सुनकर चौंक जाएंगे क्योंकि आपने कोई लोन लिया ही नहीं है। जब आप उस शख्स को समझाने की कोशिश करेंगे तो वह बदतमीजी पर उतर सकता है और गंदा-गंदा बोलना शुरू कर सकता है। ऐसे में आप क्या करेंगे? कई बार दिमाग सुन्न हो जाता है। लेकिन जब लोन लिया ही नहीं तो डरना कैसा, यह सोचकर जो मुकाबला कर जाते हैं, उन्हें इस समस्या से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर अनुपम गुप्ता के साथ। अनुपम ‘पैसा-वैसा’ नाम से इन्वेस्टिंग पॉडकास्ट चलाते हैं।
नाम और पते का किया इस्तेमाल
अनुपम गुप्ता ने अपने साथ हुए लोन फ्रॉड के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पूरी बात बताई है। अनुपम चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) भी हैं। उन्होंने कहा कि किसी शख्स ने उनके नाम और पते का गलत तरीके से इस्तेमाल करके फिनटेक कंपनी मोबिक्विक (Mobikwik) से लोन ले लिया। जब कंपनी के एजेंट का लोन चुकाने के लिए फोन आया, तब उन्हें इसके बारे में पता चला। फिलहाल उन्हें लोन रिकवरी की कोई कॉल नहीं आ रही है और इस केस को सुलझाने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि किसी भी शख्स की पहचान कितनी आसानी से चोरी की जा सकती है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया।
My name and address were used for a loan, without my knowledge or consent. I am now being chased by @MobiKwik to repay this loan. Here’s what happened.
— Anupam Gupta (@b50) June 1, 2024
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30 हजार रुपये का है मामला
अनुपम ने अपनी इस पूरी घटना को X पर शेयर किया है। साथ ही सिबिल स्कोर का स्क्रीन शॉट भी डाला है। उन्होंने लिखा है कि जब मोबिक्विक से लोन रिकवरी एजेंट का कॉल आया और सिबिल रिपोर्ट चेक की तो पता चला कि 13 मार्च को उनके नाम और कॉन्टेक्ट डिटेल्स के आधार पर ऑनलाइन पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म Lendbox के जरिए 30 हजार रुपये का लोन ट्रांसफर किया गया है। इसमें उनके मोबाइल नंबर का भी इस्तेमाल किया गया। 28 अप्रैल से उनके पास मोबिक्विक के कलेक्शन एजेंट के फोन और व्हॉट्ऐप मेसेज आने शुरू हो गए। उनसे कहा जाने लगा कि जो लोन लिया है, उसे लौटाया जाए। जब उन्होंने कहा कि मैंने कोई लोन नहीं लिया है और अगर ऐसा है तो मुझे इसकी डिटेल्स भेजी जाएं। एजेंट ने डिटेल्स भेज दीं।
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
अनुपम ने बताया कि वह एजेंट को लगातार समझाते रहे कि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया है और जब लिया ही नहीं तो उसे चुकाएं क्यों? उन्होंने एजेंट से कहा कि यह लोन बिना जानकारी के दिया गया है, लेकिन एजेंट बात सुनने को तैयार नहीं था। इसके बाद उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद कॉल आनी बंद हुईं। वह कंपनी के साथ इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
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आपके साथ ऐसा हो जाए तो क्या करें
- मोबाइल पर सिबिल से संबंधित कोई भी नोटिफिकेशन आए तो इसे इग्नोर न करें। अनुपम के साथ यही गलती हुई थी। उन्होंने बताया कि सिबिल रिपोर्ट में जिस तारीख को लोन लेने की जानकारी दी गई है, उसके करीब एक महीने बाद उनके पास सिबिल नोटिफिकेशन आया था, जिसे उन्होंने इग्नोर कर दिया था। वह कहते हैं कि अगर वह उस नोटिफिकेशन पर ध्यान देते तो ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होती।
- अगर आपके साथ ऐसा हो जाए तो पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराएं। अगर रिकवरी एजेंट परेशान करें तो इनकी भी शिकायत पुलिस में दर्ज कराएं। वेबसाइट cybercrime.gov.in पर जाकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- फोन पर आए OTP को किसी भी शख्स के साथ शेयर न करें। साथ ही किसी भी अनजान शख्स काे अपना फोन बात करने के लिए न दें।
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