US Stock Market News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने केवल भारत सहित दूसरे देशों के बाजारों को ही प्रभावित नहीं किया है, अमेरिकी बाजार पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ा है। सोमवार को यूएस इंडेक्स Nasdaq Composite 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। पिछले एक महीने में यह 11.39% नीचे आ चुका है। इसी तरह, S&P 500 ने कल 2.70% गिरावट का सामना किया। बीते एक महीने में गिरावट का आंकड़ा 7.45% रहा है। जबकि Dow Jones कल 2.08% के नुकसान के साथ बंद हुआ। यह भी पिछले एक महीने में 5.75% डाउन हुआ है। यूएस बाजार में आई इस गिरावट ने निवेशकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
इतना हुआ नुकसान
पिछले महीने एसएंडपी 500 अपने शिखर से काफी नीचे पहुंच गया है। इस वजह से बाजार को करीब 4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। गौर करने वाली बात यह है कि वॉल स्ट्रीट ट्रंप की टैरिफ नीतियों का समर्थन करता रहा है। उसके बावजूद निवेशकों में चिंता है और वे बिकवाली पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। ट्रंप की नई नीतियों के कारण व्यवसायों, उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ गई है। विशेष रूप से कनाडा, मैक्सिको और चीन जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के विरुद्ध टैरिफ में लगातार वृद्धि ने स्थिति को नाजुक कर दिया है।
निवेशकों में घबराहट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी बाजार को लेकर सेंटिमेंट बदल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से अर्थव्यवस्था में मजबूती का विश्वास अब कम हो रहा है। निवेशकों में घबराहट है और वह बिकवाली कर रहे हैं। सोमवार को भारी बिकवाली के चलते बाजार धड़ाम हो गया। बेंचमार्क एसएंडपी 500 में 2.8% की गिरावट आई, जो इस वर्ष एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, नैस्डैक कंपोजिट में 4% की गिरावट आई। सितंबर 2022 के बाद यह पहला मौका है, जब इंडेक्स एक दिन में इतना गिरा है। इससे समझा जा सकता है कि अमेरिकी बाजार के हाल खराब हो रहे हैं।
मंदी पर ट्रंप हैं खामोश
एसएंडपी 500 सोमवार को अपने 19 फरवरी के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 8.6% नीचे पहुंच गया, जिसके बाजार मूल्य में 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई। दरअसल, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से ट्रेड वॉर तेज होने की आशंका है। इस वजह से निवेशकों को मंदी का डर सता रहा है। जबकि डोनाल्ड ट्रंप इस डर पर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। जब उनसे संभावित मंदी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा की मुझे ऐसे अनुमान लगाना पसंद नहीं है।
कब बदलेगी तस्वीर?
फाइनेंशियल सर्विस फर्म लाजार्ड के सीईओ पीटर ओर्सजैग का कहना है कि कनाडा, मैक्सिको और यूरोप पर टैरिफ युद्धों के कारण बाजार में अनिश्चितता पैदा हुई है। लोग चीन के साथ चल रहे तनाव को समझ सकते हैं, लेकिन कनाडा, मैक्सिको और यूरोप को लेकर सरकार की नीति भ्रमित करने वाली है। जब तक इस परे में स्पष्टता नहीं आती, अर्थव्यवस्था को नुकसान की आशंका बनी रहेगी।
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भारत के लिए कैसे संकेत?
अमेरिकी बाजार में अगर बिकवाली और मंदी का दौर बरकरार रहता है, तो इसका असर भारतीय मार्केट पर भी पड़ सकता है। अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत और बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में वहां होने वाली हर हलचल का असर भारत सहित दूसरे बाजारों पर पड़ता है। इंडियन स्टॉक मार्केट पिछले कई महीनों से दबाव का सामना कर रहा है। हाल के दिनों में इसमें कुछ सुधार के संकेत मिले हैं। लिहाजा, अमेरिकी बाजार का कमजोर होना, इन संकेतों को दूर कर सकता है।