दिल्ली का बजट आज पेश किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट 2025-26 पेश करते हुए व्यापारियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। दिल्ली में भाजपा लंबे समय के बाद सत्ता में आई है, ऐसे में उसके बजट पर सभी की निगाहें हैं। इस बजट के माध्यम से मुख्यमंत्री आम दिल्लीवासी से लेकर व्यापारी वर्ग तक सभी को साधने की कोशिश कर रही हैं। दिल्ली के इतिहास में यह पहला मौका है जब पेपरलेस बजट पेश किया जा रहा है।
इनका हुआ ऐलान
बजट में व्यापारियों के लिए कई बड़े ऐलान हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली में व्यापार करना आसान बनाएगी। सरकार Ease of doing business के लिए काम करेगी और इसके लिए एक ठोस रोडमैप बनाया जाएगा। दिल्ली के लिए नई औद्योगिक नीति आएगी। एक नई वेयरहाउसिंग नीति अमल में आएगी। इसके अलावा, सरकार सिंगल विंडो सिस्टम लेकर आएगी। ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की जाएगी। मुर्गी, मधुमखी पालन, हैंडलूम, कुटीर उद्योगों के लिए नियम लागू होंगे। इसके लिए 50 करोड़ का बजट रखा गया है।
2025-2026 में दिल्ली के विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए योजना विभाग के तहत 1 हजार करोड़ का प्रस्ताव किया जा रहा है-मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha#ViksitDelhiBudget pic.twitter.com/F68j2R6Xuj
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) March 25, 2025
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हर 2 साल में इन्वेस्टर समिट
बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में हर 2 साल में ग्लोबल समिट का आयोजन किया जाएगा। इस समिट का उद्देश्य दिल्ली में निवेश लाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि हर दो साल में इस समिट का आयोजन किया जाए। गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्यों में ग्लोबल समिट पर काफी जोर दिया जाता है। हाल ही में मध्य प्रदेश में भी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित हुई थी।
हर समस्या दूर करेंगे
सीएम गुप्ता ने दिल्ली के लिए नई औद्योगिक नीति पेश करने की घोषणा करते हुए कहा कि व्यापार के लिए लोग दिल्ली से बाहर जा रहे हैं। हम उनकी समस्याओं को दूर करेंगे। एक रिडेवलपमेंट प्लान के तहत व्यापारियों की सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा। हमारी सरकार चाहती है कि व्यापारी भाई अपना बिजनेस ठीक से कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि हम सदन में घोषणा करते हैं कि ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य व्यापरियों की समस्याओं की पहचान करने के साथ ही उसका निवारण करना होगा।