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अडाणी ग्रुप का हाइफा पोर्ट में निवेश सराहनीय, इजरायल में निवेश के अनेकों अवसर मौजूद

दिल्ली में इजराइल के फाइनेंस मिनिस्ट्री के चीफ इकोनॉमिस्ट शमूएल अब्रामजोन ने भारत और इजराइल के बीच बढ़ते इकोनॉमिक संबंधों पर बात की. एक एएनआई न्यूज एजेंसी को दिए गए अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने अडाणी ग्रुप की हाइफा पोर्ट में इंवेस्टमेंट के लिए तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने कई सारे और अवसरों के बारे में बात की, जिनमें इंडियन इंडस्ट्रीज इंवेस्टमेंट कर सकती हैं. 

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Mohit Tiwari Updated: Sep 11, 2025 23:08
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8 सितंबर 2025 को दिल्ली में इजराइल के फाइनेंस मिनिस्ट्री के चीफ इकोनॉमिस्ट शमूएल अब्रामजोन ने भारत और इजराइल के बीच बढ़ते इकोनॉमिक कनेक्शन पर बात की. एएनआई न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अडाणी ग्रुप के हाइफा पोर्ट इन्वेस्टमेंट की तारीफ की और इंडियन कंपनियों के लिए इजराइल में इन्वेस्टमेंट के ढेर सारे अवसरों के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि इसी दिन दोनों देशों ने एक बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट (BIA) पर साइन किया है, जो ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को बूस्ट देगा. ये एग्रीमेंट इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) की तरफ एक बड़ा स्टेप है. 

कौन हैं शमूएल अब्रामजोन?

शमूएल अब्रामजोन इजराइल के फाइनेंस मिनिस्ट्री में चीफ इकोनॉमिस्ट हैं. वो इकोनॉमिक रिसर्च, फोरकास्टिंग और पॉलिसी मेकिंग के लिए रिस्पॉन्सिबल हैं. उन्होंने RAND Corporation में एनर्जी पॉलिसी, इंटरनेशनल डेवलपमेंट और लेबर पॉलिसी जैसे फील्ड्स में काम किया है. पीएचडी होल्डर अब्रामजोन इजराइल की इकोनॉमी को स्ट्रॉन्ग बनाने में एक्टिव रोल प्ले करते हैं. उनके स्टेटमेंट से क्लियर है कि इजराइल भारत को इन्वेस्टमेंट और डिफेंस जैसे एरियाज में एक ट्रस्टेड पार्टनर मानता है.

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हाइफा पोर्ट में अडाणी ग्रुप का है बड़ा इन्वेस्टमेंट

शमूएल अब्रामजोन ने अडाणी ग्रुप के हाइफा पोर्ट इन्वेस्टमेंट को हाल के सालों का सबसे बड़ा और इंपॉर्टेंट इन्वेस्टमेंट बताया. वो इससे सुपर एक्साइटेड हैं. जनवरी 2023 में अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने इजराइली कंपनी गाडोट ग्रुप के साथ पार्टनरशिप में हाइफा पोर्ट का 70% शेयर 1.15 बिलियन यूएस डॉलर (अबाउट 4 बिलियन इजराइली शेकेल) में खरीदा. ये इजराइल का सबसे बड़ा सी पोर्ट है, जो मेडिटेरियन सी में स्थित है. अडाणी ग्रुप ने पोर्ट की कैपेसिटी बढ़ाने और इसे रीजनल ट्रेड हब बनाने का प्रॉमिस किया है. ये इन्वेस्टमेंट दोनों देशों के इकोनॉमिक टाइज को स्ट्रॉन्ग कर रहा है और भारत के ग्लोबल ट्रेड नेटवर्क को एक्सपैंड कर रहा है.

इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट के ऑपर्च्युनिटीज

इंटरव्यू में अब्रामजोन ने इजराइल में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में इंडियन कंपनियों के लिए अवेलेबल ऑपर्च्युनिटीज पर एम्फेसिस किया. उन्होंने कहा कि इजराइल में इंडियन कंपनियां अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में पार्टिसिपेट कर सकती हैं. उन्होंने बताया कि इजराइल में रेलवे प्रोजेक्ट्स में बड़े इन्वेस्टमेंट चांस हैं. इसके साथ ही उन्होंने तेल अवीव मेट्रो सिस्टम को लेकर कहा कि ये एक मेजर मेट्रो प्रोजेक्ट है, जहां इंडियन कंपनियों का एक्सपीरियंस यूजफुल हो सकता है. उन्होंने बताया कि सी वॉटर को ड्रिंकिंग वॉटर बनाने वाली प्रोजेक्ट्स, जिनमें इंडियन कंपनियां पहले से इंटरेस्ट शो कर रही हैं.

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अब्रामजोन ने कहा कि ‘इंफ्रास्ट्रक्चर वो मेन एरिया है जहां इंडियन कंपनियां अपना कंट्रीब्यूशन दे सकती हैं.’ रीसेंट साइन्ड बाइलेटरल एग्रीमेंट से इन इन्वेस्टमेंट्स को एक्स्ट्रा सिक्योरिटी और इंसेंटिव मिलेगा. इजराइल के फाइनेंस मिनिस्टर बेजालेल स्मोट्रिच ने भी कन्फर्म किया कि इंडियन कंपनियां इजराइल में इन्वेस्ट करते हुए फुली सेफ फील कर सकती हैं.

डिफेंस सेक्टर में बाइलेटरल पार्टनरशिप

डिफेंस प्रोडक्शन पर डिस्कस करते हुए अब्रामजोन ने इजराइल को एक स्मॉल कंट्री बताया जो बड़े स्केल प्रोडक्शन हब नहीं है, जबकि भारत फास्टली ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है. उन्होंने इजराइली टेक और इनोवेशन को भारत की प्रोडक्शन कैपेबिलिटी के साथ कनेक्ट करने को एक परफेक्ट मैच बताया. 2025 में दोनों देशों के बीच डिफेंस कोऑपरेशन और डीप हो गया है. इजराइल भारत का चौथा सबसे बड़ा डिफेंस इक्विपमेंट सप्लायर है, जो भारत के टोटल डिफेंस इंपोर्ट का 13% प्रोवाइड करता है. रीसेंट मंथ्स में जॉइंट प्रोडक्शन, मिलिट्री एक्सरसाइज और टेक ट्रांसफर में ग्रोथ हुई है. जुलाई 2025 में इजराइल के डिफेंस मिनिस्ट्री के डायरेक्टर जनरल ने दिल्ली में लॉन्ग-टर्म डिफेंस पार्टनरशिप पर टॉक्स की.

रीसेंट डेवलपमेंट्स और फ्यूचर पॉसिबिलिटीज

8 सितंबर 2025 को इजराइल के फाइनेंस मिनिस्टर की इंडिया विजिट के दौरान साइन्ड बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच इन्वेस्टमेंट को प्रमोट करेगा. ये एग्रीमेंट इन्वेस्टर्स को प्रॉपर्टी सीजर से प्रोटेक्शन, कैपिटल ट्रांसफर फैसिलिटी और लॉस पर कंपेंसेशन जैसे प्रोविजन्स देता है. करंटली बाइलेटरल इन्वेस्टमेंट जस्ट 800 मिलियन यूएस डॉलर है, लेकिन इसमें क्विक ग्रोथ की एक्सपेक्टेशन है. दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की डायरेक्शन में भी मूव कर रहे हैं, जो ट्रेड को और स्ट्रॉन्ग करेगा. इजराइल से भारत में डायरेक्ट फॉरेन इन्वेस्टमेंट (FDI) 337.77 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है.

First published on: Sep 11, 2025 11:07 PM

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