62000 Crore Rupees Unclaimed Bank Deposits : किसी भी बैंक में हम रकम इसलिए निवेश करते हैं ताकि बुरे संकट में इसका इस्तेमाल किया जा सके। समय-समय पर इस रकम को निकाला भी जाता है। लेकिन बैंक में इस समय करोड़ों रुपये लावारिस पड़े हैं। यह ऐसी रकम है जिसका अभी तक कोई दावेदार सामने नहीं आया है। हर साल यह रकम बढ़ती ही जा रही है। बात सिर्फ बैंकों की ही नहीं, शेयर मार्केट, इंश्योरेंस, पीएफ, म्यूचुअल फंड आदि में भी हजारों करोड़ रुपये की रकम लावारिस है। अगर आपको लगता है कि यह रकम आपकी या आपके किसी अपने की हो सकती है तो इसका पता करके इस रकम को निकाल सकते हैं।
कितनी हैं बैंकों में लावारिस रकम
रिजर्व बैंक के मुताबिक इस समय बैंकों में करीब 62 हजार करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। यह ऐसी रकम है जिसका पिछले 10 सालों से कोई दावेदार सामने नहीं आया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक इस रकम में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है। साल 2022 में यह रकम करीब 33 हजार करोड़ रुपये थी। मार्च 2023 तक बैंकों के पास यह लावारिस रकम बढ़कर 42 हजार करोड़ रुपये हो गई। बैंकों में जो रकम लावारिस है, उसका सबसे बड़ा हिस्सा सरकारी बैंकों में जमा है।
यहां भी इतनी रकम है लावारिस
शेयर मार्केट : शेयर मार्केट में 25 हजार करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। यहां लावारिस रकम से मतलब है कि 25 हजार करोड़ रुपये के शेयर का कोई क्लेम करने वाला नहीं है।
म्यूचुअल फंड : इसमें 35 हजार करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। इन्हें भी कोई क्लेम करने वाला नहीं है।
इंश्योरेंस : कई कंपनियों में इंश्योरेंस की रकम क्लेम नहीं की गई है। अकेले LIC में करीब 21 हजार करोड़ रुपये लावारिस हैं। प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों में यह रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है।
प्रोविडेंट फंड (PF) : पीएफ में भी काफी लोगों की रकम लावारिस पड़ी हुई है। Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) में करीब 48 हजार रुपये की रकम ऐसी है जिसे क्लेम नहीं किया गया है।
(ये आंकड़े मार्च 2023 के अनुसार हैं।)
क्या होती है लावारिस रकम?
बैंक अकाउंट या किसी निवेश के अकाउंट में अगर 10 साल तक कोई एक्टिविटी न हो यानी न तो रकम जमा की गई हो और न निकाली गई हो तो उस अकाउंट को इनएक्टिव मान लिया जाता है। इन अकाउंट में जमा रकम लावारिस रकम कहलाती है। बैंक और दूसरी संस्थाओं जैसे EPFO, इंश्योरेंस कंपनी आदि की तरफ से हर साल इस तरह के आंकड़े जारी किए जाते हैं।
इसलिए होती है लावारिस
काफी लोग ऐसे होते हैं जो रकम को निवेश करने के बाद या तो भूल जाते हैं या फिर उनका निधन हो जाता है। ये लोग इस रकम के बारे में अपने परिवार के सदस्यों को नहीं बताते और अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जुड़वाते। ऐसे में इस रकम को कोई क्लेम नहीं कर पाता और बैंक के पास सालों तक पड़ी रहती है। बाद में बैंक इसे लावारिस घोषित कर देता है। इसलिए रिजर्व बैंक भी कहता है कि हर शख्स को अपने बैंक अकाउंट या किसी भी प्रकार के निवेश के अकाउंट में नॉमिनी का नाम जुड़वाना चाहिए और इसके बारे में परिवार के सदस्यों को बताना चाहिए।
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ऐसे करें क्लेम
अगर आपको लगता है कि आपके परिवार के किसी सदस्य की रकम किसी बैंक में लावारिस पड़ी हो सकती है तो इसके बारे में आप घर बैठे पता कर सकते हैं। रिजर्व बैंक के UDGAM पोर्टल से आप इस लावारिस रकम के बारे में पता कर सकते हैं। इसे रिजर्व बैंक की ओर से जारी किया गया था। मार्च 2024 तक इस पोर्टल से 30 बैंक जुड़े थे। इसकी ऑफिशियल वेबसाइट udgam.rbi.org.in पर क्लिक करके रकम का पता कर सकते हैं। अगर आपको रकम मिल जाती है तो बैंक से संपर्क करें और उस रकम को लेने की प्रक्रिया के बारे में जानें।