500 Rupee Note Holder Alert: अगर आपको भी सोशल मीडिया या किसी अन्य स्रोत से पता चलता है कि आपको 500 रुपये का वो नोट नहीं लेना चाहिए जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के पास नहीं बल्कि गांधीजी की तस्वीर के पास है। यह दावा फर्जी है, इसपर विश्वास नहीं करना चाहिए। प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच यूनिट PIB फैक्ट चेक ने हाल ही में सोशल मीडिया पर चल रही 500 रुपये के नोट के बारे में फर्जी खबरों के प्रति लोगों को सचेत किया है।
इस पर किया PIB ने फैक्ट चेक
RBI ने साफ कहा है कि दोनों तरह के नोट वैध हैं।
दावा: ₹500 का वह नोट नहीं लेना चाहिए जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।#PIBFactCheck:
✔️यह दावा #फ़र्ज़ी है।
---विज्ञापन---✔️@RBI के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।
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— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 24, 2023
महात्मा गांधी की तस्वीर वाली नई सीरीज में 500 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर हैं। नोट के पिछले हिस्से पर ‘लाल किला’ बना हुआ है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। नोट का बेस रंग स्टोन ग्रे है। नोट में अन्य डिजाइन और ज्योमैट्रिक पैटर्न हैं जो समग्र कलर स्कीम के साथ संरेखित हैं, दोनों आगे और पीछे।
वहीं, RBI ने बाजार से 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों का खंडन किया है। RBI ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा था कि उसके सिस्टम से 88,032.5 करोड़ रुपये गायब होने की खबर गलत है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरटीआई के तहत देश की तीन प्रिंटिंग प्रेसों से 500 रुपये के नोटों को लेकर दी गई जानकारी की गलत व्याख्या की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति और ट्विटर पर पोस्ट में कहा था कि आरबीआई को जानकारी मिली है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में 500 रुपये के नोट सिस्टम से गायब होने की खबर गलत है।
प्रिंटिंग प्रेस से मिली जानकारी को गलत समझा गया और यह जानना जरूरी है कि प्रिंटिंग प्रेस में जो भी नोट छपते हैं, वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन बैंक नोटों के उत्पादन, भंडारण और वितरण की निगरानी आरबीआई द्वारा पूरे प्रोटोकॉल के साथ की जाती है और इसके लिए एक मजबूत प्रणाली मौजूद है।