टाटा मोटर्स ने घोषणा की कि वह अपने पैसेंजर वाहनों की कीमतों में 1.45 लाख रुपये तक की कटौती करेगी। कंपनी ने बताया कि यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे। यह फैसला हाल ही में मंज़ूर किए गए GST 2.0 रेजीम के अनुरूप लिया गया है।
कंपनी ने कहा कि GST 2.0 के जरिए मिले टैक्स रिफॉर्म्स का सीधा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा। इससे न केवल गाड़ियों की कीमतें घटेंगी बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा।
जीएसटी 2.0 से ऑटो सेक्टर को राहत
नए टैक्स ढांचे के तहत ऑटो सेक्टर को बड़ी राहत दी गई है। अब जटिल टैक्स स्ट्रक्चर को केवल दो स्लैब्स – 5% और 18% में बदल दिया गया है। इसके अलावा, गाड़ियों पर लगने वाला अतिरिक्त सेस भी हटा दिया गया है, जिससे टैक्सेशन सिस्टम और आसान तथा पारदर्शी हो गया है।
छोटी गाड़ियों पर बड़ा असर
छोटी गाड़ियों, यानी 1200 सीसी तक के पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी इंजन तथा 1500 सीसी तक के डीज़ल इंजन वाली कारों पर अब टैक्स घटकर 18% हो गया है। पहले इन पर 28% जीएसटी के साथ अतिरिक्त सेस लगता था। इसका सीधा असर एंट्री-लेवल गाड़ियों की कीमतों पर दिखेगा।
बड़ी गाड़ियों और एसयूवी पर भी राहत
अब तक बड़ी कारों और एसयूवी पर टैक्स का बोझ 43% से 50% के बीच होता था, लेकिन GST 2.0 लागू होने के बाद इन पर अब फ्लैट 40% टैक्स लगेगा। इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि कंपनियों के लिए भी कीमत तय करना आसान हो जाएगा।
बिक्री बढ़ने की उम्मीद
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि कीमतों में कटौती और सरल टैक्स स्ट्रक्चर का यह डबल फायदा आने वाले महीनों में ऑटोमोबाइल सेल्स को गति देगा। इसके साथ ही, NBFCs और बैंकों के जरिए मिलने वाले ऑटो लोन भी ज्यादा आकर्षक हो सकते हैं, जिससे खासकर सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों में गाड़ियों की खरीद बढ़ेगी।
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