Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट आज (23 जुलाई) 11 बजे पेश करेगी। लेकिन इस बार सरकार का फोकस किन क्षेत्रों पर रहेगा बजट से पहले ही इस बात के संकेत दिए जा चुके हैं। हर बार की तरह इस बार भी ऑटो सेक्टर को आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों लगातार लॉन्कीच हो रही हैं लेकिन ज्यादा कीमत होने के कारण अभी भी EVs और हाइब्रिड वाहन आम लोगों की पहुंच से काफी दूर हैं। ऐसे में उम्मीद है कि ऑटो सेक्टर को कुछ राहत मिल सके…
इलेक्ट्रिक वाहनों का होगा विस्तार
इस साल 1 फरवरी को सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था, इस समय केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा था कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सिस्टम डेवलप किया जा रहा है और आगे इसे और बेहतर किया जाएगा। इतना ही नहीं चार्जिंग सिस्टम इको को मजबूत किया जाएगा। देश में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक-बसो और इलेक्ट्रिक व्हीकल के नेटवर्क को बड़ा किया जाएगा।
FAME 3 पर टिकी हैं नजरें
इस बार बजट में फेम स्कीम के तीसरे चरण ‘FAME-3’ के लॉन्च होने की उम्मीद है। बता दें कि, FAME-2 को लॉन्च किया गया जिसकी समय सीमा बीते 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। लेकिन सरकार ने एक अस्थाई स्कीम के तौर पर 4 महीनों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशनल स्कीम (EMPS) को लॉन्च किया गया, जो 31 जुलाई को समाप्त होने वाली है।
नई FAME-3 स्कीम में 10,000 करोड़ रुपये का ऑउटले दिया जा सकता है। जो देश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहनों के साथ-साथ सरकारी बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों को FAME 3 के दायरे से बाहर रखा जा सकता है और अभी इस बात पर विचार हो रहा है कि देश में इलेक्ट्रिक कारों को किसी सब्सिडी की जरूरत है या नहीं माना जा रहा है कि ये स्कीम 2 साल की अवधि के लिए लॉन्च की जा सकती है । आपको बता दें कि FAME-2 स्कीम 5 साल तक चला था
FAME स्कीम क्या होती है ?
फेम स्कीम (FAME)का पूरा नाम Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles in India है। यह एक सरकारी योजना है जिसे साल 2011 में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर राष्ट्रीय मिशन के एक भाग के रूप में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना है। FAME स्कीम के तहत सरकार का टारगेट एयर पॉल्यूशन को कम करना
है। इस स्कीम में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों के निर्माताओं और ग्राहकों को प्रोत्साहन प्रदान करती है।
बैटरी पर कम Tax
ACMA (ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिय) ने कुछ दिन पहले केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए सिफारिशें भेजी थीं जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स पर GST दर को कम करने की मांग की गई थी साथ ही EVs में इस्तेमाल होने वाली बैटरी पर GST दर को 18% से कम किये जाने का अनुरोध भी किया गया था।
हाइब्रिड कारो पर कम हो Tax
इस बार बज़ट में हाइब्रिड कारों पर भी Tax कम करने की उम्मीद जताई जा रही है। इस समय देश में हाइब्रिड गाड़ियों पर 43% तक Tax लग रहा है जबकि रेगुलर ICE (पेट्रोल-डीजल) गाड़ियों पर लगने वाले 48% टैक्स से महज 5% कम है।
ऐसे में उम्मीद है कि इस बार के बज़ट में हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स में छूट मिले।आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान हाइब्रिड गाड़ियों वपर लगने वाले Tax को कम कर के 12% करने का अनुरोध किया था
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