---विज्ञापन---

Maa Tara: रामनवमी पर करें मां तारा की आराधना, साक्षात शिवस्वरूप बन जाएंगे

Maa Tara: हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च 2023, बुधवार से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। नवरात्रि का समापन 30 मार्च, 2023 को रामनवमी पर होगा। इन नौ दिनों के दौरान शक्ति की आराधना की जाएगी। लोग मां भगवती आद्यशक्ति के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करेंगे। यह भी पढ़ें: नवरात्रि में आएंगे इतने सारे […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Mar 16, 2023 14:22
Share :
Ram Navami, Astrology, Maa Tara

Maa Tara: हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च 2023, बुधवार से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। नवरात्रि का समापन 30 मार्च, 2023 को रामनवमी पर होगा। इन नौ दिनों के दौरान शक्ति की आराधना की जाएगी। लोग मां भगवती आद्यशक्ति के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करेंगे।

यह भी पढ़ें: नवरात्रि में आएंगे इतने सारे शुभ मुहूर्त, चाहे जो कार्य शुरू करें, सभी में मिलेगी सफलता

---विज्ञापन---

नवरात्रि में होगी दस महाविद्याओं की आराधना (Maa Tara Puja)

ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार इन दिनों मां भगवती के दस महाविद्या स्वरूपों की भी अलग-अलग दिन आराधना की जाएगी। माना जाता है कि जो भी इन दस महाविद्याओं को सिद्ध कर लेता है, वह स्वयं साक्षात शिवस्वरूप ही बन जाता है। उसके लिए इस पूरे विश्व में कुछ भी असंभव नहीं रहता है।

यही कारण है कि भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार इन स्वरूपों की पूजा करते हैं। इन सभी के नाम काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला हैं। इनमें काली को प्रथमा व षोडशी को अंतिम माना गया है। अर्थात् नवरात्रि के प्रथम दिन मां काली की पूजा होती है जो अंत में षोड़शी (अथवा मां त्रिपुरसुंदरी) की पूजा पर सम्पूर्ण होती है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: घर की तिजोरी में रख दें ये एक चीज, छप्पर फाड़ कर बरसेगा पैसा ही पैसा

विद्या की देवी है मां तारा

इन सभी में मां तारा को विद्या की देवी कहा गया है। उन्हें महासरस्वती अथवा नीलसरस्वती भी कहा जाता है। यदि उन्हें सिद्ध कर लिया जाए या उनकी कृपा हो जाए तो व्यक्ति में सरस्वती के समान ज्ञान आ जाता है। यही कारण है कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए तारा की उपासना की जाती है।

वैसे तो नवरात्रि में कभी भी मां तारा की पूजा की जा सकती है परन्तु रामनवमी के दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। यह साधना का अंतिम दिन होता है। इस दिन विधिवत आराधना व हवन करने से तारा प्रसन्न होकर दर्शन भी देती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Sunil Sharma

First published on: Mar 16, 2023 02:08 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें