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Chhath Puja 2023: छठी मैया कौन हैं? क्यों की जाती छठ पर्व के दौरान इनकी पूजा

Chhath Puja 2023: चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हो रही है। इस दौरान छठी मैया की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं कि छठी मैया कौन हैं? और छठ पूजा के दौरान इनकी पूजा क्यों की जाती है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Mar 8, 2024 22:58
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Chhathi maiya
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Chhath Puja 2023: चार दिवसीय छठ महापर्व का आरंभ आज यानी 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हो रही है। लोक आस्था के चार दिवसीय पर्व का दूसरा दिन खरना पूजा के नाम से जाना जाता है। इस व्रती छठी मैया के लिए गुड़ और चावल का खीर बनाती हैं। जिसे छठी मैया को भोग लगाने के बाद अन्य लोग भी ग्रहण करते हैं। कहते हैं कि यह पर्व प्रकिृति के छठे रूप षष्ठी माता को समर्पित है। जिनकी पूजा छठ पूजा के दौरान की जाती है। आइए जानते हैं कि छठी मैया कौन हैं और इनकी पूजा क्यों की जाती है?

छठा मैया कौन हैं?

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पैराणिक कथा के अनुसार, षष्ठी माता सूर्य देव की बहन हैं। कहते हैं कि इन्ही को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। छठ पूजा के दौरान मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर के किनारे यह पूजा की जाती है।

शास्त्रों में षष्ठी माता को बच्चों की रक्षा करने वाली देवी कहा गया है। मान्यता है कि जो कोई इस कठिन व्रत को विधिवत करता है, उसकी संतान को दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है। इस बात का जिक्र मार्कण्डेय पुराण में भी है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी ने खुद को छह भागों में विभक्त कर लिया। इनके छठे अंश को षष्ठी देवी का रूप मानकर पूजा-अर्चना की जाती है। ब्रह्मा जी की मानस पुत्री छठी माता बच्चों की रक्षा करने वाली हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को इन्हीं की पूजा होती है।

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एक अन्य मान्यता के अनुसार, शिशु के जन्म के छठे दिन इन्हीं देवी की पूजा होती है। कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से बच्चों को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, माता षष्ठी को ही कात्यायनी कहा गया है। जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन भी होती है।

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क्यों की जाती है छठी मैया की पूजा

संतान की लंबी उम्र की कामना को लेकर महिलाएं छठ पूजा के दौरान 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि छठ व्रत रखने से संतान की कामना भी पूर्ण होती है। इसके अलावा छठी मैया की पूजा करने से सुख और समृद्धि का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

छठ पर्व में सूर्य देवता की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि सूर्य देव की विधिवत उपासना करने से त्वचा रोग से भी मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से ही भगवान श्री कृष्ण के पुत्र कुष्ट रोग से मुक्ति हुए थे।

नौकरी-व्यापार में तरक्की और घर-परिवार में खुशहाली के लिए भी छठ व्रत बेहद खास माना गया है। मान्यता है कि छठ का व्रत करने से नौकरी-व्यापार में खूब उन्नति होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि छठ पर्व में सूर्य देव की उपासना होती है। ज्योतिष में सूर्य को नौकरी-व्यापार का कारक माना गया है।

नौकरी व्यवसाय में बार-बार परेशानी आने पर छठ का व्रत बहुत ही लाभप्रद होता है। इससे नौकरी में व्यवसाय में उन्‍नत‌ि एवं स्‍थ‌िरता प्राप्त होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

(Ultram)

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Edited By

Dipesh Thakur

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rahul solanki

First published on: Nov 17, 2023 10:46 AM

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