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आज शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना, भूलकर भी न करें ये 9 गलतियां

Shardiya Navratri Kalash Sthapana: आज से शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो गया है। आज से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। इससे पहले कलश स्थापना की जाती है। तो आइए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Oct 15, 2023 11:25
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Shardiya Navratri
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Shardiya Navratri 2023 : आज यानी 15 अक्टूबर 2023 दिन रविवार से नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो चुका है। आज से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना के साथ विधि-विधान से पूजा की जाती है। लेकिन उपासना करने से पहले कलश स्थापना का विधान होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में कलश स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, साथ ही घर के सभी सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहती है। कहते हैं जो जातक नवरात्रि में उपवास रखता है, उस पर माता रानी अपनी कृपा हमेशा बनी रहती है। तो आइए इस खबर में जानते हैं कलश स्थापना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

नवरात्रि के कलश स्थापना के लिए पूजन सामग्री

कलश
गंगाजल
आम के पांच पत्ते
शुद्ध मिट्टी
मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ लाल कपड़ा
मौली,रोली
गेहूं या अक्षत
सिक्का
कलावा
जटा वाला नारियल
घी, रूई बत्ती
सिंदूर
पीतल या मिट्टी का दीपक

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक हैं। यानी कलश स्थापना का कुल समय 44 मिनट का है। तो आइए कलश स्थापना करने के विधि के बारे में जानते हैं।

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कलश स्थापना विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन भक्तों को प्रातकाल स्नान ध्यान करें और साफ-सुथरा कपड़ा पहने। इसके बाद घर के मंदिर में गंगाजल छिडकर शुद्धिकरण करें और जमीन पर एक लाल कपड़ा बिछाकर उसपर थोड़ा चावल रखें। उसके बाद मिट्टी के एक पात्र में शुद्ध मिट्टी डालकर उसपर जौ डालें। इसके बाद मिट्टी का कलश स्थापित करें और जल भरें। कलश में आम के 5 पत्ता रखें। अगर आम का पत्ता संभव नहीं है तो अशोक के पत्ते भी रख सकते हैं। ये सब करने के बाद कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें। कलश के ऊपरी भाग में कलावा बांधें और कलश के सामने अखंड दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद मां दुर्गा के प्रभावशाली मंत्रों का उच्चारण करें। उसके बाद माता रानी की विधि-विधाने से पूजा और आरती उतारें। अंत में मां देवी को भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करें।

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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Oct 15, 2023 10:23 AM

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