Shaligram: वैसे तो शालिग्राम एक काले पत्थर के समान होता है। लेकिन, ज्योतिष शास्त्र में शालिग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना गया है। कहा जाता है कि शालिग्राम पवित्र गण्डकी नदी से प्राप्त होती है। शालिग्राम का सनातन धर्म और वैष्णव संप्रदाय में बहुत ही अधिक महत्व होता है। सनातन धर्म में शालिग्राम की विधि-विधान से पूजा भी की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक सात्विक आहार और विचार रखते हैं, उन्हें शालिग्राम की पूजा से बहुत ही अधिक लाभ प्राप्त होता है। आज इस खबर में शालिग्राम के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। तो आइए जानते हैं।
शालिग्राम की विस्तार जानकारी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शालिग्राम की पूजा करते समय तुलसी के पत्ते का बहुत ही अधिक महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि जिस तरह भगवान शिव को बिल्वपत्र पसंद होता है, ठीक उसी प्रकार श्री नारायण भगवान भी शालिग्राम पर तुलसी पत्ता चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शालिग्राम की हर रोज विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो जातक नियमित रूप से शालिग्राम की पूजा करते हैं, नारायण उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति कराते हैं। वह व्यक्ति जीवन में कभी भी अपने जीवन में परेशान नहीं हो सकता है। घर में सुख-शांति बनी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में शालिग्राम की प्राण प्रतिष्ठा कराने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी मान्यता है कि शालीग्राम में साक्षात भगवान विष्णु का वास होता है। कहा जाता है कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद स्थिर लग्न में आप स्थापित कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।