Ram Katha Shri Ram Sita Jayant Interesting Story : राम सिया राम …22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इस अवसर पर सभी लोगों के मन मंदिर में भगवान राम की छवि अंकित हो चुकी है। ऐसे में हम लोग भगवान राम के बचपन और उनके जन्म की कथा के बारे में चर्चा कर रहे हैं। तो आइए आज बात करते हैं भगवान श्रीराम और देवराज इंद्र के पुत्र जयंत की दिलचस्प कथा के बारे में…
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भगवान श्रीराम सभी अस्त्र-शस्त्रों के ज्ञाता थे, उनके धनुष का नाम कोदंड था। कहा जाता है कि एक बार वनवास के समय देवराज इंद्र के पुत्र जयंत को शंका हो गई और वह विचार करने लगा कि श्रीराम को सभी लोग भगवान कहते हैं और ये दीनहीन अवस्था में वनों में विचरण कर रहे हैं। अपने मन में ऐसा विचार कर जयंत वहां पहुंचा जहां भगवान श्रीराम माता जानकी जी और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ निवास कर रहे थे।
जयंत ने वहां पहुंचकर एक विशाल कौआ का रूप धारण किया और माता सीता के पैर में चौंच मार दी। जयंत के ऐसा करने पर माता सीता के पैर से खून बहने लगा। खून को बहता देखकर भगवान श्रीराम ने एक बिना फर का बाण कौआ रूपी जयंत पर छोड़ दिया। बाण को अपनी ओर आता देखकर जयंत तीनों लोकों में विचरण करने लगा और उसने सभी देवी-देवताओं से आश्रय मांगा।
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रामबाण को जयंत के पीछे आता देखकर किसी भी देवी-देवता ने जयंत को आश्रय प्रदान नहीं किया। हाल बेहाल जयंत को देवर्षि नारद ने बताया कि इस समय श्रीराम के अलावा तीनों लोकों में आपकी रक्षा कोई नहीं कर सकता। इसीलिए तुम श्रीराम की ही शरण में जाओ।
देवर्षि नारद के ऐसा कहने पर जयंत भगवान श्रीराम की शरण में पहुंचा और अपने किए की क्षमा मांगी। जयंत के ऐसा करने पर भगवान श्रीराम ने जयंत को एक आंख से काना करके छोड़ दिया। उसके बाद इंद्र के पुत्र जयंत की जान बच पायी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।