Shadashtak Yoga: रविवार 5 अक्टूबर 2025 को तड़के 06:00 AM बजे से बुध और शनि ग्रह एक-दूसरे से 150° की कोणीय स्थिति का निर्माण कर रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में इस कोणीय स्थिति को बुध और शनि का षडाष्टक योग कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, बुध-शनि का यह योग यूं तो अधिकांश राशियों के लिए प्रतिकूल रहने वाला है, लेकिन 3 राशियों के जातकों को विशेष रूप से संभलकर रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन-सी हैं?
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, षडाष्टक योग को पारंपरिक ज्योतिष में सामान्यतः अशुभ माना गया है, क्योंकि इसमें ग्रहों के बीच ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे मानसिक, शारीरिक या भौतिक जीवन में टकराव, तनाव और अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपको बता दें कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ग्रह एक-दूसरे से छठे और आठवें भाव में होते हैं, जो कुंडली के सबसे अशुभ भाव हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों को इस समय विशेष सतर्कता बरतनी होगी। इस षडाष्टक योग की स्थिति में आपकी सोच और निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। अनचाहे विवाद, गलतफहमियां हो सकती हैं। आर्थिक मामलों में अनियोजित खर्चे या अप्रत्याशित बाधाएं आ सकती हैं। स्वास्थ्य में तनाव, पाचन संबंधी समस्या या सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
करें ये उपाय:
-बुध मंत्र ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ का जाप करें।
-यदि कुंडली में बुध पहले से पीड़ित हो, तो पन्ना रत्न धारण करें।
-बुधवार को दान, विशेषकर हरी सब्जियों का दान करें।
-‘ॐ ह्रीं शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के लोगों वालों को इस योग के कारण वर्क प्लेस, फैमिली और हेल्थ के मोर्चे पर चुनौतियां दिख सकती हैं। काम समय पर नहीं पूरे हो सकते हैं, सहयोगियों या सहकर्मियों से मतभेद हो सकते हैं। घर पर असमंजस और तनाव बढ़ सकता है। मानसिक रूप से बेचैनी और अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
करें ये उपाय:
-गाय को हरा चारा दें, विशेषकर बुधवार को।
-भोजन में हरे रंग की सब्जियाँ शामिल करें।
-शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों को इस समय भावनात्मक अस्थिरता, अनिश्चितता और आर्थिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। योजनाएं बाधित हो सकती हैं। साझेदारी और करार में उलझन आ सकती है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थकान और पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
करें ये उपाय:
-बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरा वस्त्र धारण करें।
–भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर मंत्र जाप करें। (मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करें।)
-शनिवार को काले तिल और लाल वस्त्र और लोहे की वस्तुओं का दान करें।
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