Lunar Eclipse Precautions Pregnant Lady: ज्योतिषीय गणनाओं में ग्रहण की घटना को विशेष महत्व दिया जाता है। चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण इस दिन तमाम ज्योतिष के जानकार ग्रहण की घटना का पल-पल विश्लेषण करते हैं। क्योंकि कई बाद ग्रहण के दिन दुर्लभ संयोग भी बनते हैं। ऐसा ही दुर्लभ संयोग 28 अक्टूबर को लगने वाले चंद्रग्रहण के दिन बनने जा रहा है। ज्योतिर्विद बता रहे हैं कि 30 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है जब शरद पूर्णिमा भी पड़ रही है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में चंद्र ग्रहण समय , सूतक काल और गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
चंद्रग्रहण 2023 कब से कब तक है?
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस वर्ष का आखिरी चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात्रि 1 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा। जबकि चंद्र ग्रहण का मोक्ष रात 2 बजकर 24 मिनट पर होगा। बता दें कि भारत में संपूर्ण की अवधि 4 घंटे 4 मिनट की होगी।
चंद्र ग्रहण 2023 सूतक काल
चंद्र ग्रहण को ज्योतिष को खास महत्व दिया गया है। 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन भारत में दिखाई देने वाला यह अद्भुत माना जा रहा है। ऐसे में लोगों की जिज्ञासा चंद्र ग्रहण के सूतक काल को लेकर भी है। दरअसल ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है। पंचांग के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा।
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चंद्र ग्रहण पर गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
- ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी ग्रहण नहीं देखना चाहिए। इसके साथ ही न ही इस दौरान घर से बाहर निकलना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दिन सूतक लगने के साथ ही गर्भवती महिलाओं को घर में ऐसे स्थान पर रहना चाहिए, जहां ग्रहण की नकारात्मक किरणें न पहुंचती हों।
- वैसे तो ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाएं घर में रहकर ही ग्रहण काल में विष्णु सहस्त्रनाम का करेंगी तो अच्छा रहेगा।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं को हनुमान चालीसा, आदित्यहृदय स्तोत्र, पंचाक्षरी मंत्र, विष्णु पंचाक्षरी मंत्रों में से किसी एक का जार करना चाहिए।
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि ग्रहण लगने के समय अपने पास एक नारियल रखें। इस संबंध में ज्योतिषीय मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। ध्यान रहे कि ग्रहण की समाप्ति के बाद उस नारियल को बहत जल में प्रवाहित कर देना है।
- ग्रहण की पूरी अवधि में गर्भवती महिलाओं को भोजन ग्रहण करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे अशुभ माना गया है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती नुकीली चीजें जैसे- सूई, चाकू, कैंची इत्यादि का इस्तेमाल तो कतई नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।