Dhanteras 2022: आज धनतेरस का पावन त्योहार है। हालांकि कई जगहों पर इस पावन पर्व को कल यानी शनिवार को भी मनाया गया। वही कल यानी सोमवार 24 अक्टूबर को दिवाली है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं। पांच दिवसीय दिवाली का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन से दिवाली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है।
मान्यता है इस इस दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हो हुए थे। इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की शुभ खरीदारी करता है उसमें तेरह गुना की बढ़ोत्तरी होती है।
धनतेरस के दिन हर कोई नई चीज अवश्य खरीदता है। अगर इन 7 चीजों में से कोई एक आप खरीदते हैं तो आपके घर में बरकत बनी रहेगी। मान्यता है कि इन चीजों से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
धनतेरस पर जरूर खरीदें ये सात सामान
- आजकल बाजारों में चांदी के सिक्कों की भरमार है। ऐसे में असली और नकली की पहचान कर पाना काफी मुश्किल होता है। बेहतर होगा कि आप किसी सरकारी बैंक से सिक्का खरीदें।
- धनतेरस पर चांदी के लक्ष्मी-गणेश खरीद सकते हैं। यह संभव न हो तो मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदें। ध्यान रहे कि इनकी ऊंचाई अंगूठे जितनी होनी चाहिए। अगर इससे बड़ी मूर्ति खरीदकर घर के मंदिर में स्थापित करते हैं तो रोज उस प्रतिमा का विधि-विधान से पूजा-पाठ करना होगा। अन्यथा मूर्ति दोष लगता है। धनतेरस से दीपावली तक इन मूर्तियों की पूजा करें और बाद में इन्हें तिजोरी में रखें। नियमित धूप-दीप करें। इससे आपके धन में वृद्धि होगी।
- धनतेरस के दिन धनिया बीज अवश्य खरीदें। धनिये को धन का प्रतीक माना जाता है। लक्ष्मी पूजन के समय देवी को धनिया अर्पित करने के बाद अपने बगीचे में कुछ बीज बो दें और कुछ को कौड़ी और गोमती चक्र के साथ तिजोरी में रखें।
- धनतेरस के दिन अपने घर की लक्ष्मी यानी अपनी पत्नी को उपहार में सोने-चांदी के गहने देने के अलावा लाल वस्त्र और सुहाग का सामान भी भेंट कर सकते हैं। यह शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
- लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढाता है।
- धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है, जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है, सुखी है और वही सबसे धनवान है।
- भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं, उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना की जाती है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं।