UK News: लंदन स्थित यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने झुलसा देने वाली गर्मी को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में लू और गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया था। ताजा आंकड़ों के अनुसार 21 जुलाई सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया के इतिहास का अब तक का सबसे गर्म दिन बन गया है। पहली बार वैश्विक औसत सतही वायु तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस (62.76 डिग्री फारेनहाइट) दर्ज किया गया है। जिसने पिछले साल जुलाई के तापमान का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल 17.08 डिग्री सेल्सियस (62.74 फारेनहाइट) तापमान दर्ज किया गया था।
रूस के उन इलाकों में भी लोगों के पसीने निकल रहे थे, जहां ठंड होती है। कोपरनिक्स की ओर से डाटा जारी कर बताया गया है कि रविवार को गर्मी ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साल की बात करें तो 3 से लेकर 6 जुलाई तक रोजाना गर्मी के रिकॉर्ड टूटे थे। वैज्ञानिकों ने बताया था कि जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है।
🌡️ The global average surface air temperature on Sunday reached 17.09 degrees Celsius (62.76 degrees Fahrenheit) — slightly higher than the previous record set last July of 17.08 C (62.74 F). https://t.co/sJd7lluJlZ
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उत्तरी गोलार्ध पर गर्मी का प्रकोप अधिक
कोपरनिक्स के अनुसार जून 2023 से लेकर लगातार 13 महीने की बात करें तो पर्यावरण में तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं। उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में गर्मी का प्रकोप अधिक देखने को मिला है। 21 जुलाई ग्रह पर सबसे गर्म दिन रहा है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि पिछले साल के बाद टूटा ये रिकॉर्ड अंतिम नहीं हो सकता। अभी जुलाई के कई दिन बाकी हैं। यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है। अप्रैल में जलवायु परिवर्तन (climate change) और मौसम की प्राकृतिक घटना (the El Nino) के कारण गर्मी का कम ही प्रकोप देखने को मिला था। लेकिन अब उसका असर जुलाई के महीने पर देखने को मिल रहा है। जिसने इस साल के तापमान को और बढ़ा दिया है।
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