अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद से पूरी दुनिया में हलचल मची है। ट्रंप प्रशासन एक ओर अवैध अप्रवासियों को जबरन डिपोर्ट कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर कई देशों पर टैरिफ लगाकर और रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कहकर ट्रेड वार को भड़का दिया है। इसी कड़ी में अब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ग्रीनकार्ड धारकों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। जेडी वेंस ने कहा है कि ट्रंप द्वारा प्रस्तावित नए गोल्ड कार्ड यानी ग्रीन कार्ड अप्रवासियों को स्थायी तौर पर अमेरिका में रहने का अधिकार नहीं देता है।
ट्रंप ने गोल्ड कार्ड का किया था ऐलान
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निवेशकों के लिए 35 साल पुराने वीजा की जगह 50 लाख अमेरिकी डॉलर में ‘गोल्ड कार्ड’ पेश करने की योजना का पिछले महीने ऐलान किया था। इस योजना के अनुसार, इस कार्ड को खरीदने वाले अमेरिकी नागरिकता पाने के पात्र होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित ‘गोल्ड कार्ड’ की पहल अमीर विदेशियों के लिए एक नया इमिग्रेशन रूट्स बनाएगी, जबकि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्वारा ग्रीनकार्ड धारकों के अधिकारों को लेकर गुरुवार को की गई टिप्पणी से एक नई इमिग्रेशन डिबेट शुरू हो गई है।
‘ग्रीन कार्ड स्थायी निवास का अधिकार नहीं देता’
ग्रीन कार्ड को आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड के रूप में जाना जाता है। यह भारतीयों सहित की विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार देता है। लेकिन, वेंस ने कहा है कि नाम के बावजूद ‘स्थायी निवास’ अनिश्चितकालीन प्रवास की पूर्ण गारंटी नहीं है।
क्या कहा जेडी वेंस ने?
जेडी वेंस ने फॉक्स न्यूज पर ‘द इंग्राहम एंगल’ की होस्ट लॉरा इंग्राहम को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका में अनिश्चित काल तक रहने का अधिकार नहीं है।’ वेंस ने कहा, ‘यह मूल रूप से फ्री स्पीच के बारे में नहीं है। मेरा मानना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है यह कि यह हमें इस बात का निर्णय लेने का अधिकार देता है हम एक अमेरिकी नागरिक के रूप में किसे अपने राष्ट्रीय समुदाय में शामिल कर सकते हैं। अगर विदेश मंत्री और राष्ट्रपति तय करते हैं कि इस व्यक्ति को अमेरिका में नहीं रहना चाहिए और उन्हें यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, तो इसे इतनी ही सरलता से समझा जाना चाहिए।’
महमदू खलील की गिरफ्तारी के बाद वेंस ने दिया बयान
वेंस का यह बयान कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र महमूद खलील की गिरफ्तारी के जवाब में आया है, जो ग्रीन कार्ड धारक है। खलील को कोलंबिया विश्वविद्यालय में इजराइल-हमास युद्ध के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में उसकी भूमिका के लिए शनिवार को हिरासत में लिया गया था।
क्या है महमूद खलील मामला?
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने महमूद खलील के ग्रीन कार्ड को रद्द करने का फैसला लिया है। खलील पर ‘हमास के साथ जुड़ी गतिविधियों’ का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है। हमास आतंकवादी समूह ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला किया था, जिसके बाद इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया था। खलील की गिरफ्तारी से ट्रंप प्रशासन के आलोचकों के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधरों में भी रोष व्याप्त है, जिनमें कुछ राजनीतिक दक्षिणपंथी भी शामिल हैं। इनका कहना है कि इस तरह के कदम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, खलील पर कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया है। उसको शनिवार को न्यूयॉर्क शहर में गिरफ्तार किए जाने के बाद लुइसियाना में इमिग्रेशन कस्टडी में रखा गया है। वहीं, खलील के वकीलों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तारी और निर्वासन के लिए निशाना बनाया है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी संविधान के प्रथम संशोधन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दिए गए संरक्षण का उल्लंघन की बात कही थी।
अमेरिका में भारतीयों की संख्या
अमेरिका में भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2020 की अमेरिकी जनगणना के अनुसार, लगभग 44 लाख भारतीय अमेरिकी हैं, जो कि अमेरिकी जनसंख्या का लगभग 1.2% हैं। भारतीय प्रवासी अमेरिका में एक महत्वपूर्ण समुदाय हैं, जो शिक्षा, विज्ञान, चिकित्सा और व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। H-1B वीजा और अन्य कार्य वीजा कार्यक्रमों के तहत बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक अमेरिका जाते हैं।