नई दिल्ली: अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इटली, मैक्सिको, वियतनाम और थाईलैंड के साथ भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया है। ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान वर्तमान निगरानी सूची का हिस्सा हैं।
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फॉरेन एक्सचेंज रेट पर शक
ट्रेजरी ने कहा- “प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की एक निगरानी सूची स्थापित की है जो उनकी मुद्रा प्रथाओं और व्यापक आर्थिक नीतियों पर ध्यान देने योग्य हैं।” दरअसल, अमेरिका उन देशों को निगरानी सूची में रखता है, जिनके फॉरेन एक्सचेंज रेट पर उसे शक हो। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इस साल जून में अपने द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष के कारण भारत को करेंसी मैनिपुलेटर की निगरानी सूची में रखा था। यह तीसरी बार था जब भारत सूची में आया। इस सूची के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा को लेकर गतिविधियों और आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है।
भारत दौरे पर हैं सचिव
यह कदम उस दिन आया जब ट्रेजरी के सचिव जेनेट येलेन भारत दौरे पर हैं। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के अधिनियम में तीन मानदंडों में से दो को पूरा करने वाली अर्थव्यवस्था को निगरानी सूची में रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “एक बार निगरानी सूची में एक अर्थव्यवस्था कम से कम दो लगातार रिपोर्ट के लिए बनी रहेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदर्शन बनाम मानदंड में कोई सुधार टिकाऊ है।”
इसके साथ ही एक और उपाय के रूप में ट्रेजरी निगरानी सूची में किसी भी प्रमुख अमेरिकी व्यापारिक भागीदार को जोड़ेगी और बनाए रखेगी। इस रिपोर्ट में निगरानी सूची में चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान शामिल हैं। इटली, भारत, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को इस रिपोर्ट में निगरानी सूची से हटा दिया गया है।
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