Donald Trump Tariff: शुक्रवार को यूरोप के लग्जरी शेयरों में गिरावट आई क्योंकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से टैरिफ लगाने पर बात की। ट्रंप ने कहा कि वह 1 जून से यूरोपीय संघ के सामानों पर सीधे 50 फीसदी टैरिफ लगाने की सिफारिश कर रहे हैं। यूरोपीय लग्जरी बाजार, जिसमें महंगे हैंडबैग, जूते, फैशन से जुड़े सामान और शैंपेन जैसी चीजें शामिल हैं, यह बिजनेस अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर है। इस साल अमेरिका को इस उद्योग की ग्रोथ का मुख्य स्रोत माना जा रहा था, क्योंकि चीन में इन प्रोडक्ट्स की मांग कम हो गई है। आपको बता दें कि इस क्षेत्र के सबसे बड़े समूह अपने प्रोडक्ट्स का लगभग एक चौथाई हिस्सा अमेरिकी कंज्यूमर्स को बेचते हैं।
अमेरिका है बड़ा बाजार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस क्षेत्र के सबसे बड़े समूह अपने प्रोडक्ट्स का एक चौथाई हिस्सा अमेरिकी कंज्यूमर्स को बेचा जाता है। वहीं, छोटे ब्रांडों के की भी अलग-अलग मार्केट है। अमेरिकी टैरिफ के लिए यह लग्जरी बिजनेस बहुत संवेदनशील बताया जा रहा है। इसके पीछे वजह ये भी है कि कंपनियों के पास उत्पादन को संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रांसफर करने की बहुत सीमित क्षमता है। यानी या तो इन ब्रांड्स की कंपनियां अमेरिका में ही लगाई जाएं, जोकि की काफी मुश्किल है।
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टैरिफ को कम कैसे किया जाए?
रॉयटर्स के मुताबिक, LVMH’s का लुई वुइटन (Louis Vuitton) इकलौता यूरोपीय लग्जरी ब्रांड है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थानीय स्तर पर उत्पादन कर रहा है। हालांकि, यह भी परेशानियों से जूझ रहा है। S&P के विश्लेषकों का कहना है कि ‘सामान की कीमत में बदलाव करके ही लग्जरी सामान पर टैरिफ को कम किया जा सकता है।’ वहीं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि ‘ऐसा भी केवल कुछ ब्रांड्स ही कर सकते हैं, उनके पास भी सीमित उपाय हैं। फ्रांस का लग्जरी बिजनेस दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग है, जो 600,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है।
शेयर में आई गिरावट
ट्रंप के टैरिफ का ऐलान करने के बाद कई बड़े लग्जरी ब्रांड्स के शेयर में 3 फीसदी से 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा, एप्पल के शेयर में भी गिरावट देखने को मिली है। दरअसल, आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर कहा गया कि किसी भी देश में इसकी मैन्यूफैक्चरिंग होती है, तो इसके लिए इंपोर्ट पर 25 फीसदी तक टैरिफ देना होगा। इसके बाद एप्पल के शेयरों में उथल-पुथल देखने को मिली।
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