Tariff Impact on India: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फार्मा इंडस्ट्री पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. किचन कैबिनेट पर 50 प्रतिशत, फर्नीचर पर 30 प्रतिशत और ट्रकों के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, लेकिन ट्रंप के इस फैसले से विश्व व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ेगा. खासकर फार्मा इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित होगी. भारत समेत दुनियाभर के करीब 10 देशों को नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि यह 10 देश अमेरिका को फार्मा प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने वाले टॉप-10 देश हैं, जिन्हें अब अमेरिका को टैक्स देना पड़ेगा.
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इन 10 देशों पर पड़ेगा टैरिफ का असर
बता दें कि फार्मा इंडस्ट्री पर 100 प्रतिशत टैरिफ का असर भारत समेत 10 देशों पर पड़ेगा. साल 2024 में अमेरिका ने 234 बिलियन डॉलर का मेडिसिनल और फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट किया. अमेरिका को सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट आयरलैंड करता है, जिसने साल 2024 में अमेरिका को 65.7 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया, जो कुल आयात का 28.1% हिस्सा रहा. दूसरे नंबर पर 19.3 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट के साथ स्विट्जरलैंड और तीसरे नंबर पर 17.4 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट के साथ जर्मनी है. इनके बाद सूची में सिंगापुर, भारत, बेल्जियम, इटली, चीन, ब्रिटेन और जापान हैं.
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भारत पर यह पड़ेगा टैरिफ का असर
बता दें कि भारत अपने सर्वाधिक फार्मा प्रोडक्ट अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है. भारत की ओर से अमेरिका को करीब 13 बिलियन डॉलर का फार्मा एक्सपोर्ट किया जाता है, जो अमेरिका के कुल एक्सपोर्ट का 6 प्रतिशत है. साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 8.73 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था, जो भारत के कुल निर्यात का 31 प्रतिशत है. भारत की ओर से अमेरिका को सबसे ज्यादा जेनेरिक दवाइयां भेजी जाती हैं, जो ब्रांडेड या पेटेंटे की कैटेगरी में नहीं आतीं.
इसलिए भारत की फार्मा इंडस्ट्री पर 100 प्रतिशत टैरिफ का सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन डॉ. रेड्डीज़, सन फार्मा, लुपिन और ऑरोबिंडो जैसी फार्मा कंपनियां नुकसान उठा सकती हैं. क्योंकि टैरिफ के कारण ब्रांडेड मेडिसिन के दाम दोगुने हो जाएंगे. जैसे कैंसर या वजन घटाने वाली दवाइयां महंगी हो सकती हैं. जिससे मेडिकल एक्सपेंसिव बढ़ सकते हैं. वहीं टैरिफ से बचने के लिए भारतीय कंपनियां अमेरिका में प्लांट लगाने पर विचार कर सकती हैं. जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ेगा.
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ट्रंप ने इसलिए लगाया 100 प्रतिशत टैरिफ
बता दें कि अमेरिका को फार्मा इंडस्ट्री में 115.5 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है. साल 2026 में इस व्यापार घाटे को कम करने के लिए ही राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ लगाने का फैसला किया है. अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल इंपोर्टर और दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, लेकिन ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी पर फोकस करते हुए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ लगाया है. वे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी टैरिफ लगाने की वजह मानते हैं, जबकि टैरिफ की वजह से अमेरिका को महंगाई झेलनी पड़ सकती है.