Is This Third World War: क्या अमेरिका ने तीसरा विश्व युद्ध छेड़ दिया है? इजरायल और ईरान के बीच 12 जून से जंग चल रही है। युद्ध में तीसरा पक्ष अमेरिका है। अमेरिका ने पहले दिन स्पष्ट कर दिया था कि अगर ईरान ने सीजफायर नहीं किया तो अमेरिका पूरी ताकत लगाकर ईरान पर हमला करेगा और ईरान का खात्मा कर देगा। राष्ट्रपति ट्रंप की इस चेतावनी से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। दुनिया को डर सताने लगा कि अगर अमेरिका इजरायल और ईरान की जंग में कूदा तो तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा। लेकिन ट्रंप की चेतावनी के बाद भी ईरान जिद पर अड़ा रहा कि इजरायल हमला करेगा तो ईरान दोगुनी ताकत से हमला करेगा।
ईरान की जिद देख ट्रंप बोले कि बस अब बहुत हुआ और ईरान पर हमले की तैयारी कर ली। रूस-चीन समेत कई देशों की प्रतिक्रिया के बाद ट्रंप ने ईरान को समझौता करने का मौका दिया। ईरान पर हमले का फैसला 15 दिन के लिए टाल दिया, लेकिन अचानक अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया। क्या ऐसा करके अमेरिका ने तीसरा विश्व युद्ध शुरू कर दिया है? अमेरिकियों ने भी सोशल मीडिया पर यह पूछना शुरू कर दिया कि क्या ट्रंप ने विश्व युद्ध शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं कि ईरान पर अमेरिका के हमले के लेकर कैसी प्रतिक्रियाएं आ रही है?
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सोशल मीडिया यूजर्स क्या बोले?
अमेरिका के विशेषज्ञों ने न्यूयार्क टाइम्स को बताया कि ईरान पर अमेरिका के हमले से मध्य पूर्व में सुरक्षा और राजनीति के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में मध्य पूर्व के वरिष्ठ फेलो रे टेकेह कहते हैं कि ईरान पर अमेरिा का हमला एक नया चरण है और संभवत: टेंशन देने वाला भी है। वहीं सोशल मीडिया यूजर्स ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं। एक यूजर ने एक्स हैंडल पर ट्वीट करके पूछा है कि ट्रंप ने ईरान पर बमबारी करने की घोषणा की है। क्या तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने वाला है? एक और शख्स ने लिखा कि कल्पना कीजिए कि ईरान पर दुनिया के सबसे बड़े बम 3 बार गिराए जाएं और फिर यह कहने की हिम्मत हो कि अब शांति का समय है। ट्रंप ने झूठ बोला है, वह शांति के लिए नहीं, बल्कि युद्ध के लिए राष्ट्रपति हैं। तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया है।
हूती विद्रोहियों ने जताई नाराजगी
ईरान पर अमेरिका के हमले को लेकर हूती विद्रोहियों में गुस्सा है। उन्होंने नाराजगी जताई है। हूती विद्रोहियों के नेता मोहम्मद अल-फराह कहते हैं कि अमेरिका का ईरान पर हमला करना, इजरायल-ईरान के युद्ध का खात्मा नहीं, बल्कि आगाज है। ट्रंप याद रखे कि अब ‘हिट एंड रन’ का जमाना बीत चुका है।
हमास ने भी हमले को बताया उल्लंघन
ईरान पर अमेरिका के हमले की हमास ने भी निंदा की है। हमास ने इस हमले को ‘खुला हमला’ कहा और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। हमास ने इजरायल और ईराज की जंग में अमेरिका की एंट्री को दुनिया की शांति और स्थिरता को सीधा खतरा कहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई
ईरान पर अमेरिका के हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहते हैं कि हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। जंग कंट्रोल करना मुश्किल होता जा रहा है। जंग खत्म करने का रास्ता सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि बातचीत है। जंग का असर आम लोगों पर, पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
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अमेरिका में विरोध और समर्थन
ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद अमेरिका के लोग 2 गुटों में बंट गए हैं। एक गुट विरोधियों का और दूसरा समर्थकों का है। अमेरिका के सांसदों में भी हमले केा लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने ईरान पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की है। कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने हमले को असंवैधानिक और खतरनाक बताया है। कुछ डेमोक्रेट्स भी अमेरिका की कार्रवाई के खिलाफ हैं। रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी (केंटकी) ने X पर ट्वीट लिखा है कि ईरान पर हमला संविधान के खिलाफ है। डेमोक्रेट सांसद सारा जैकब्स (कैलिफोर्निया) ने भी ईरान पर हमले को असंवैधानिक बताया है।
उनका कहना है कि ईरान पर अमेरिका का हमला एक और अंतहीन युद्ध की शुरुआत हो सकता है। अमेरिका को युद्ध के दलदल में धकेल सकता है। वहीं रिपब्लिकन सांसद एंडी हैरिस (मैरीलैंड) लिखते हैं कि ईरान पर अमेरिका का हमला शक्ति के माध्यम से शांति है, क्योंकि ईरान के पास परमाणु हथियार अमेरिका, इजरायल और पूरी दुनिया के लिए खतरा है। रिपब्लिकन सांसद डॉन बेकन (नेब्रास्का) कहते हैं कि अमेरिका की रक्षा करना ट्रंप का धर्म है और वे यह धर्म निभा रहे हैं। सीनेटर लिंडसे ग्राहम (साउथ कैरोलिना) ने ईरान पर अमेरिका के हमले को सही फैसला बताया।
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