BBC Documentary: ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री की निंदा की है। ब्रिटेन के सांसद ने बीबीसी की डॉक्टूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को अपमानजनक और कट्टर कार्य बताया है। ब्रिटिश सांसद ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री एकतरफा था और इसने गोधरा ट्रेन कांड में हिंदुओं को निशाना बनाने की अनदेखी की। सांसद ने जोर देकर कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेंद्र मोदी) की ओर से दंगों को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की अनदेखी की है।
ब्लैकमैन 25 जनवरी को कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार के 33 साल पूरे होने के अवसर पर हाउस ऑफ कॉमन्स में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कश्मीर में हिंदुओं के उत्पीड़न के बारे में भी बात की और उन्हें लगा कि अनुच्छेद 370 को हटाना सही काम था।
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भारत और कश्मीरी हिंदू समुदाय के लिए अपना समर्थन दोहराया
बॉब ब्लैकमैन ने भारत और कश्मीरी हिंदू समुदाय के लिए अपना समर्थन दोहराया और याद दिलाया कि यह कश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण था जिसके कारण तत्कालीन महाराजा भारत में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पहले जो विशेष नियम थे, उन्हें ब्रिटेन में कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को केवल गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक घृणास्पद कार्य के रूप में वर्णित किया जा सकता है। जब आप इसे देखते हैं तो मैं आपको सलाह देता हूं कि इसे देखने से पहले आप खुद को शांत करने के लिए कुछ गोलियां लें।
सांसद बोले- नरेंद्र मोदी ने दंगों को कभी बढ़ावा नहीं दिया
ब्रिटेन के सांसद ने कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की शुरुआत में दावा किया जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र ने इन दंगों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया और फिर मोदी को भाषण देने और स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए कई क्लिप दिखाए गए हैं। ब्रिटेन के सांसद ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कभी भी दंगों को बढ़ावा देने या प्रोत्साहित करने की कोशिश नहीं की।
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बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पीएम मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके गृह राज्य गुजरात में फैली सांप्रदायिक हिंसा को नियंत्रित करने में उनकी कथित भूमिका की जांच करती है। सरकार ने विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। केंद्र सरकार के इस कदम का विपक्षी दलों ने विरोध किया है।