Thailand Political Crisis : बांग्लादेश की आजादी के समय से चली आ रही सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था ने इस देश में आखिरकार सरकार ही बदल दी। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद और देश दोनों छोड़ चुकी हैं। साल 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर अस्तित्व में आए बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार बन चुकी है। हालांकि, हालात पूरी तरह से अभी भी नियंत्रित नहीं हो पाए हैं। इसी बीच एशिया के एक और देश में राजनीतिक संकट गंभीर हो गया है। हम बात कर रहे हैं थाईलैंड की जहां के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन (Srettha Thavisin) को पद से हटा दिया गया है। 10 पॉइंट्स में समझिए थाईलैंड में चल रहा पूरा घटनाक्रम और अब वहां हालात कैसे हैं।
BREAKING: The Constitutional Court today found Prime Minister Srettha Thavisin guilty of violating the Constitution when he appointed Pichit Chuenban as PM’s Office minister in May.
---विज्ञापन---The ruling stripped Srettha, the premiership status, meaning Srettha has to immediately end his… pic.twitter.com/TJdn1AxTAB
— Thai PBS World (@ThaiPBSWorld) August 14, 2024
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1. PM ने संविधान का उल्लंघन किया
थाईलैंड की सांविधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को उनके पद से हटाने का फैसला सुना दिया। यह फैसला थाविसिन के खिलाफ नैतिकता से जुड़े एक केस में सुनाया गया है। अदालत ने कहा कि श्रेथा थाविसिन ने संविधान का उल्लंघन किया है।
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2. कैबिनेट में नियुक्ति करके फंस गए
जजों ने कहा कि श्रेथा को यह अच्छी तरह से पता था कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति की है जिसके अंदर नैतिकता को लेकर निष्ठा है ही नहीं। बता दें कि श्रेथा थाविसिन एक रियल एस्टेट टायकून हैं और उनका राजनीतिक करियर तुलनात्मक रूप से काफी नया है।
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3. पीएम ने नैतिकता का कानून तोड़ा
राजधानी बैंकॉक में स्थित इस संवैधानिक अदालत ने कहा कि श्रेथा ने जेल की सजा काट चुके वकील को कैबिनेट में नियुक्ति देकर नैतिकता के नियमों का उल्लंघन किया है। 9 जजों की बेंच में से 5 जजों ने श्रेथा और उनकी कैबिनेट को डिसमिस करने के लिए वोट किया।
Breaking News: The Constitutional Court has ruled 5-4 that PM Srettha Thavisin violated the constitution by appointing Pichit Chuenban as PM Office Minister, resulting in Srettha’s immediate removal from office. pic.twitter.com/ciFkCk1X3d
— NBT WORLD News (@NBTWORLDNews) August 14, 2024
4. एक हफ्ते पहले हुआ था बड़ा एक्शन
यह फैसला आने के एक सप्ताह पहले ही थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने यहां की ‘प्रोग्रेसिव मूव फॉरवर्ड पार्टी’ को भंग कर दिया था और इसके नेताओं पर 10 साल तक पॉलिटिक्स से बैन कर दिया था। इस पार्टी ने पिछले साल हुए चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं।
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5. श्रेथा के खिलाफ किसने किया केस
श्रेथा के खिलाफ यह केस सेना की ओर से नियुक्त 40 सीनेटरों के ग्रुप की ओर से फाइल किया गया था। उन्होंने कैबिनेट में पिचिट चुएनबेन को नियुक्त करने के लिए श्रेथा को पीएम कार्यालय से हटाने की मांग की थी। पिचिट पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा के भी करीबी हैं।
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6. फैसले पर कैसा रहा श्रेथा का रुख
फैसला आने के बाद श्रेथा ने कि मैंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्य जिता संभव हो सकते थे उतनी निष्ठा के साथ निभाए। मैं अदालत का फैसला स्वीकार करता हूं। वहीं, भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि नई सरकार हमारी नीतियां जारी रखेगी या नहीं।
Srettha Thavisin was Thailand’s prime minister for 11 months and 14 days before he was removed from office by the Constitutional Court today (August 14).
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In its verdict, the court said that Srettha had breached the code of ethics by appointing Pichit Chuenban as a minister. The… pic.twitter.com/Aix4e0prJN— Thenationthailand (@Thenationth) August 14, 2024
7. पिछले साल प्रधानमंत्री बने थे श्रेथा
श्रेथा पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री बने थे। इसके साथ ही वहां 3 महीने से चल रहा गतिरोध भी खत्म हो गया था। लेकिन इसका परिणाम यह रहा था कि उनकी फ्यू थाई पार्टी अपने लंबे समय से चले आ रहे सैन्य प्रतिद्वंद्वियों के साथ एक सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बन गई थी।
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8. अभी और गंभीर होगा सियासी संकट
इस फैसले का मतलब पहले से ही उथल-पुथल का सामना कर रही थाईलैंड की राजनीति में और संकट की आमद हो सकता है। यहां राजनीति में बदलाव की मांग करने वाले अक्सर, सत्ता, सेना, राजशाही के समर्थकों और बड़े कारोबारियों के पावरफुल समूह से टकराते रहते हैं।
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9. अब कौन संभालेगा देश की बागडोर?
सरकार को बर्खास्त किए जाने के बाद अब यहां नई सरकार का गठन किया जाएगा। सत्ताधारी ‘फ्यू थाई’ पार्टी की अगुवाई वाला गठबंधन प्रधानमंत्री पद के लिए नया कैंडिडेट चुनेगा, जिस पर 500 सदस्यों वाली संसद में वोटिंग की जाएगी और नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा।
Srettha’s removal hinged on the court’s interpretation of this section in the 2017 constitution, especially parts 4 and 5. So in a sense it is a decision based in law. But obviously so much rests on what meaning is attributed to ‘evident integrity’ความซื่อสัดย์ 1/ pic.twitter.com/qNDNp21fYc
— Greg Raymond (@GregoryVRaymond) August 14, 2024
10. दशकों से चले आ रहे हैं ऐसे हालात
पिछले 2 दशक के दौरान थाईलैंड में दर्जनों सांसदों को प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है। कई राजनीतिक दल भंग किए गए हैं और प्रधानमंत्री को तख्तापलट या फिर अदालत के आदेशों के जरिए पद से हटाया जाता रहा है। यहां की ज्यूडीशियरी का सत्ता की लड़ाई में अहम रोल है।
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