थाईलैंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। देश की संवैधानिक कोर्ट ने PM पैतोंगटार्न शिनावात्रा को उनके पद से हटा दिया है। कोर्ट के इस फैसले की वजह एक फोन कॉल को बताया जा रहा है। दरअसल जून में एक फोन कॉल लीक हुई थी। इस कॉल में कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन के साथ सीमा के दौरान हुई बातचीत में नैतिक आचरण के उल्लघंन का दोषी माना गया है। कोर्ट ने माना कि इस कॉल में पीएम ने राष्ट्रीय हितों और पद की जिम्मेदारियों को ठेस पहुंचाई है।
कोर्ट में पैतोंगटार्न ने कहा कि उन्होंने हमेशा थाईलैंड के सर्वोत्तम हित में काम किया है, लेकिन इस फैसले ने उनके राजनीतिक भविष्य को गहरा झटका दिया है। पैतोंगटार्न हाल के वर्षों में अपदस्थ होने वाले दूसरे प्रधानमंत्री और पिछले 17 वर्षों में कोर्ट द्वारा हटाए जाने वाली पांचवीं पीएम हैं। अब सवाल यह उठता है कि थाईलैंड में आगे क्या होगा? फिलहाल, पैतोंगटार्न शिनावात्रा की बर्खास्तगी के बाद उप-प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया है। संसद द्वारा नए प्रधानमंत्री के चुनाव तक वे सरकार की देखरेख करेंगे।
प्रधानमंत्री पद के लिए 5 उम्मीदवार
2023 के चुनावों से पहले घोषित उम्मीदवारों में से अब 5 उम्मीदवार बचे हैं जो प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश कर सकते हैं। फ्यू थाई में शुरू में तीन उम्मीदवार थे, लेकिन अब केवल एक ही उम्मीदवार बचा है, 77 वर्षीय चाइकासेम निथिसिरी, जो पूर्व न्याय मंत्री और अटॉर्नी जनरल हैं, जिनके बारे में अब तक बहुत कम चर्चा हुई है, लेकिन उन्होंने कहा है कि वे आगे आने के लिए तैयार हैं।
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कौन हैं पैतोंगटार्न शिनावात्रा?
37 वर्षीय पैतोंगटार्न अगस्त 2024 में थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनीं थी। वे फ्यू थाई पार्टी के संस्थापक, 75 वर्षीय अरबपति थाकसिन की सबसे छोटी संतान हैं। पैतोंगटार्न को उनके उपनाम ‘उंग-इंग’ से जाना जाता है। राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने परिवार के व्यापारिक काम होटल शाखा को चलाने में मदद की थी।
2021 में शुरू हुआ था राजनीतिक करियर
उनका राजनीतिक करियर 2021 में शुरू हुआ, जब वे फ्यू थाई पार्टी की सलाहकार समिति की प्रमुख बनीं। 2023 के चुनावों से 2 सप्ताह पहले उन्होंने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया, जिसके दौरान वे एक पसंदीदा उम्मीदवार थीं। पैतोंगटार्न अपने परिवार की तीसरी सदस्य हैं जो देश के सर्वोच्च पद पर बैठी थी। उनके पिता, थाकसिन, 2001 में थाई राक थाई पार्टी के साथ प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन 2006 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।
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परिवार पर हमेशा रहा राजनीतिक संकट
थाकसिन की बहन यिंगलक शिनावात्रा 2011 में प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन 2014 में संवैधानिक न्यायालय द्वारा उन्हें पद से हटा दिया गया, जब उन्होंने 2011 में थाविल प्लेंसरी को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से बर्खास्त कर दिया था। इसके तुरंत बाद, थाईलैंड में महीनों तक चली राजनीतिक उथल-पुथल के बाद, 2014 में एक और सैन्य तख्तापलट हुआ। थाकसिन और यिंगलक दोनों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए थाईलैंड छोड़ दिया और अगस्त 2023 में वापस लौटे।