Tesla CEO Elon Musk India Tour Plan Change: टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क का अप्रैल में होने वाला भारत दौरा फिलहाल टल गया है। खास वजह से मस्क भारत नहीं आ सकेंगे। खुद उन्होंने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है। माना जा रहा है कि साल के अंत तक वे इंडिया आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनको टेस्ला का कोई काम अचानक आ गया। जिस कारण दौरा टाल रहे हैं। 20 अप्रैल को ही मस्क ने पोस्ट कर जानकारी दी है। लिखा है भारत यात्रा टेस्ला से जुड़ी जिम्मेदारियों के कारण दुर्भाग्य से टल रही है। साल के अंत तक भारत आने का प्लान बना रहा हूं।
Unfortunately, very heavy Tesla obligations require that the visit to India be delayed, but I do very much look forward to visiting later this year.
---विज्ञापन---— Elon Musk (@elonmusk) April 20, 2024
प्लान में बदलाव का सबसे बड़ा कारण जानिए
21 और 22 अप्रैल को उनको भारत आना था। रिपोर्ट के मुताबिक मस्क 23 अप्रैल को मस्क अमेरिका में एक जरूरी कॉन्फ्रेंस कॉल में भाग लेंगे। इसमें कंपनी की तिमाही परफॉर्मेंस को लेकर जरूर जवाब देंगे। इसी वजह से उनके प्लान में बदलाव किया गया है। पिछले महीने ही मस्क ने पोस्ट कर पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। इससे पहले दो बार मस्क की भेंट मोदी से हो चुकी है। 2015 में टेस्ला प्लांट के दौरे के दौरान उनकी पहली भेंट हुई थी। दूसरी बार 2023 में पीएम के अमेरिका दौरे में दोनों मिले थे। पीएम भी कह चुके हैं कि वे इंडिया के समर्थक हैं।
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कुछ समय पहले टेस्ला की टीम के भारत आने की बातें चली थीं। कहा गया था कि ये टीम कई राज्यों में जाकर अपने प्लांट के लिए जमीन की तलाश करेगी। भारत में टेस्ला की ओर से प्लांट के लिए 2 से 3 बिलियन का इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। टीम के महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में जगह तलाशने की बात सामने आई थी, क्योंकि इन राज्यों में पहले ही काफी कार फैक्ट्रियां हैं।
18 लाख तक की कार बनाने की इच्छुक है टेस्ला
जुलाई में टेस्ला में भारत में कार फैक्टरी लगाने की बात कही थी। यहां लगभग 18 लाख तक की कार बनाई जानी थी। अभी भारत में इलेक्ट्रिक कारों पर इंपोर्ट टैक्स काफी कमा है। लेकिन इसकी छूट सिर्फ उन्हीं कंपनियों को है, जो यहां 3700 करोड़ का निवेश करती है। दूसरी शर्त 3 साल में कार बनाने की होती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर टेस्ला भारत आती है, कार बनाती है, तो दूसरी कार कंपनियों को भी इससे मोटिवेशन मिलेगा। दूसरा बड़ा फायदा उन कंपनियों को होगा, जो कारों के पार्ट्स बनाती हैं।