Sampoong Department Store Collapse Memoir: भारी बारिश के कारण नोएडा में एक मकान की दीवार ढह गई और मलबे के नीचे दबने से 3 बच्चों की मौत हो गई। मलबे के नीचे से उनकी लाशें निकाली गईं तो कोहराम मच गया। एक परिवार ने तबाही का ऐसा मंजर देखा कि रूह कांप गई। खेल रहे बच्चों को अचानक मौत आकर अपने साथ ले गई। आज से 29 साल पहले भी दुनिया में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ था। पूरी दुनिया ने तबाही का वो मंजर देखा था।
मलबे के नीचे से करीब 500 लोगों की लाशें निकली थीं। सड़क पर लाशों की कतारें देखकर, उनके परिजनों की चीखें सुनकर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया था। करीब 900 लोगों को बुरी हालत में अस्पताल पहुंचाया गया था। हादसा आज के दिन 29 जून को साउथ कोरिया के सिओल में हुआ था। 5 मंजिला सैम्पोंग डिपाटमेंटल स्टोर ढहने से तबाही मची थी। हादसे का कारण कंस्ट्रक्शन डिजाइन से छेड़छाड़, निर्माण कार्य में लापरवाही, ज्यादा वजन वाले AC का इस्तेमाल और कम सुविधाओं में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच को माना गया।
This week I tell the story of the Sampoong Department Store Collapse.
---विज्ञापन---Perhaps the worst part of this story is that the owners of the building were warned in advance that a collapse was likely… but *decided* not to evacuate shoppers and staff.https://t.co/fSxWy2yA1w
— Fascinating Horror (@TrueHorrorTales) May 3, 2022
स्टोर के मालिक को हुई थी जेल की सजा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इमारत ढहने से मलबे के नीचे 2000 से ज्यादा लोग दबे थे। इनमें से 502 लोगों की मौत हो गई थी। 937 लोग घायल हुए थे। 1500 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया था। बचाव कार्य कई दिन चला। स्टोर 1987 में बनना शुरू हुआ था और 1990 में यह बनकर तैयार हुआ था। स्टोर सैम्पोंग ग्रुप ने बनाया था और इसके मालिक का नाम ली जून था, जो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भी थे।
उन्होंने पहले कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया। डिजाइन सरकार से अप्रूव कराया गया, लेकिन ली जून ने अपने फायदे के लिए सरकारी नियमों की अनदेखी करके कंक्रीट से बनने वाले सपोर्ट सिस्टम में बदलाव करा दिए, जिससे स्टोर की नींव कमजोर रह गई। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नियमों के खिलाफ काम करने से इनकार कर दिया तो ली जून ने खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए स्टोर का निर्माण पूरा कराया।
परिणामस्वरूप हादसा हुआ और जांचकर्ताओं ने 27 दिसंबर 1995 को ली जून को लापरवाही बरतने का दोषी पाया। उसे 10 साल 6 महीने की कैद की सजा सुनाई गई। बाद में उनकी अपील पर सजा घटाकर 7 साल और 6 महीने कर दी गई। उनके बेटे ली हान-सांग को भ्रष्टाचार और हत्या का दोषी पाया गया। 7 साल की कैद की सजा सुनाई गई।
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क्या-कैसे हुआ था 29 जून 1995 के दिन?
7 जुलाई 1990 को स्टोर जनता के लिए खोला गया था और 5 साल में स्टोर काफी मशहूर हो गया था, लेकिन जांच में पता चला कि अप्रूव्ड डिजाइन में स्टोर में स्पेस कम हो रहा था। इसलिए ली जून ने स्पेस ज्यादा करने के लिए खंभों की मोटाई का साइज 80CM (31 इंच) करने की बजाय 60CM (24 इंच) करने का आदेश दिया। एक खंभे को दूसरे खंभे से 11 मीटर (36 फीट) की दूरी पर रखवाया। इससे एक खंभे पर ज्यादा भार आया, लेकिन उसका साइज इस भार को सहन करने में सक्षम नहीं था।
5वीं मंजिल पर बने रेस्टोरेंट के फर्श में गर्म कंक्रीट से बना बेस था, जिसे ओंडोल कहा जाता है। इसके अंदर गर्म पानी के लिए पाइप डाले गए। 1.2 मीटर मोटी (4 फीट) ओंडोल ने छत के वजन और मोटाई को बहुत बढ़ा दिया। इसके अलावा स्टोर में 15-15 टन के 3 एयर कंडीशन लगाए गए। एयर कंडीशनिंग शोर करते थे और ग्राहक शोर की शिकायत करते थे। 1993 में ली जून ने एयर कंडीशन यूनिटों को पहले से ओवरलोडेड छत पर फिट करा दिया। इसके परिणामस्वरूप फर्श में दरारें पड़ गईं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 3 मीटर चौड़ी दरारें AC को शोर बर्दाश्त नहीं कर पाईं, जिससे कंपन होने लगा तो 5वीं मंजिल पर बने रेस्टोरेंट को बंद कर दिया गया। AC भी बंद कर दिए गए। हादसे वाले दिन शाम के करीब 5:52 बजे दरारों में से आवाजें आने लगी। मलबा गिरने लगा तो कर्मचारियों ने अलार्म बजाना शुरू कर दिया। इमारत को खाली करना शुरू कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। छत गिर गई और एयर कंडीशन यूनिट ओवरलोडेड 5वीं मंजिल से टकरा गईं। इसके बाद पांचों मंजिलें ढह गईं। निकलने से पहले लोग मलबे के नीचे दब गए।
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