South China Sea Tension: साउथ चाइना सी में एक बार फिर ड्रैगन ने अपनी दादागीरी दिखाने की कोशिश की है। चीन की विस्तारवादी नीति सिर्फ थल ही नहीं, जल पर भी है। वह नए-नए हथकंडे अपनाकर अपने पड़ोसियों पर दबाव बनाने की कोशिश करता है। अब चीन ने फिर से एक नया नियम लागू कर अपनी मनमानी का परिचय दिया है। चीन अपने नए नियमों के तहत किसी भी विदेशी को साउथ चाइना सी में आने पर अरेस्ट कर सकता है। बिना ट्रायल उसे 60 दिन तक हिरासत में रखा जा सकता है। चीन की बात करें, तो दुनिया के तेल, गैस और दूसरे प्राकृतिक संसाधनों पर उसकी नजर रहती है। जहां ये सब मिलता है। वहीं, चीन अपनी मनमानी की कोशिश करता है।
चीन की आक्रामकता हमेशा से रही है। अब साउथ चाइना सी में वह लगातार दादागीरी दिखा रहा है। 60 दिन की हिरासत वो भी बिना ट्रायल का नियम शनिवार से लागू हो गया है। जिसके बाद पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में विवाद बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। चीनी सरकार की ओर से पिछले महीने ही कानून लाया गया था। चीन ने अपने 2021 तटरक्षक कानून का विस्तार किया है।
China’s new coast guard regulation allowing detention of foreigners for 60 days in disputed waters is a dangerous escalation. This move threatens regional stability and disregards international law. #ChinaAggression #SupportASEAN @GregPoling https://t.co/Pc3rBMBr0l
— South China Sea Insights (@Scs_insight12) June 15, 2024
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फिलीपींस में चीन के कानूनों का विरोध
चीन की इस कानून को लेकर सफाई है कि वह जलक्षेत्र के भीतर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए ऐसा कर रहा है। अगर जल क्षेत्र में कोई कानून तोड़ता है, चीन की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है तो उसे 30 से 60 दिन की हिरासत में रखा जा सकता है। चीन की ओर से अपनी खुद की 9 डैश लाइन बनाई गई हैं। जिसके बाद वह सागर के 90 फीसदी हिस्से पर अपना दावा जताता है। इस एरिया में हर साल खरबों डॉलर का कारोबार होता है। इन हिस्सों पर वियतनाम, ब्रुनेई, मलेशिया, ताइवान और फिलीपींस भी दावा करते हैं। हाल में तो चीन और फिलीपींस में युद्ध की नौबत आ गई थी। जब चीन ने उसके जहाजों पर पानी की बौछारें की थी।
फिलीपींस की सैन्य चौकियों को लेकर भी चीन पर गंभीर हमले के आरोप लग चुके हैं। चीन के खिलाफ फिलीपींस के मछुआरों से भी बर्बरता करने के आरोप हैं। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने हाल ही में चीन पर उनके खिलाफ काम करने के आरोप लगाए थे। नए कानून के पास होने के बाद शुक्रवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला में भी जोरदार प्रदर्शन देखने को मिले। चीनी दूतावास के सामने मछुआरों ने विरोध करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंका।