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कौन है इंसानों की तरह बात करने वाली ‘Xiao’? SCO समिट में मीडिया से कर रही बात

SCO Summit 2025: चीन ने एससीओ समिट के लिए एक शानदार AI रोबोट मॉडल को लॉन्च किया है। ये रोबोट बहुभाषी है, जिसे मीडिया की मदद करने के लिए तैनात किया गया है। इस ह्यूमेनाइड रोबोट का नाम 'Xiao' है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 30, 2025 16:44

SCO Summit 2025: चीन के तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन का आयोजन 31 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक हो रहा है। इस कार्यक्रम के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में शामल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। चीन, जो हमेशा अपनी नई तकनीकों के लिए जाना जाता है और चर्चाओं में रहता है। उन्होंने इस बार समिट से पहले एकबार फिर दुनियावालों को चौंका दिया है। चीन ने नया मानवरूपी रोबोट लॉन्च किया है, जिसका नाम ‘Xiao’ है।

कौन है ‘Xiao’?

‘Xiao’ एक ह्यूमेनाइड रोबोट है, जो बहुभाषी है। इसे पत्रकारों की मदद के लिए बनाया गया है। समिट के दौरान ये रोबोट प्रश्नों का उत्तर देगा। इस रोबोट ने एएनआई से बात की, जिसमें वह कहती है कि- मैं जिओ हूं। ये रोबोट सभी प्रोटोकॉल्स को फॉलो करेगा। रोबोट में उन्नत सिस्टम का एल्गोरिदम है। इसमें एक डेटाबेस भी है, जो ज्ञान का भंडार माना जाता है। रोबोट को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों और आयोजकों के बीच संचार करने के लिए भी विशेष रूप से तैयार किया गया है।

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हाई टेक्नोलॉजी सिस्टम से लैस रोबोट

AI रोबोट ने आगे बताया है कि वह हाई टेक्नोलॉजी सिस्टम से लैस है, जो भावनाओं को पहचानने, सीखने की क्षमता और अपनी नॉलेज को भी बढ़ा सकता है। इन सभी चीजों की मदद से ही ये इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेटिव, मीडिया कर्मियों और शिखर सम्मेलन आयोजकों के बीच बातचीत करेगी।

Xiao का काम सच पर आधारित और पूरी तरह से निष्पक्ष होगा। वह इस समिट के दौरान लगातार बेहतर प्रदर्शन करने में सफल होगी। इसे मुख्य रूप से 3 भाषाएं बोलनी आती है। शिखर सम्मेलन में तियानजिन की सांस्कृतिक विरासतों को भी प्रदर्शित किया जाएगा जैसे यांग्लुकिंग, वुडब्लॉक प्रिंट और पारंपरिक शिल्पकारी।

क्यों खास है Xiao?

तियानजिन SCO शिखर सम्मेलन 2025 तकनीक और संस्कृति का एक अनोखा संगम माना जा रहा है। जहां एक ओर ह्यूमनॉइड रोबोट जियाओ मेहमानों का स्वागत करेगी, वहीं दूसरी ओर चीन की पुरातन कलाएं और परंपराएं उन्हें सांस्कृतिक रूप से जोड़ेंगी। इस कार्यक्रम से भारत और चीन के रिश्तों में सुधार होने की भी आशंकाएं जताई जा रही है।

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First published on: Aug 30, 2025 02:27 PM

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