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‘पूर्वजों के पापों ने घटाई इंसान की उम्र’, अजीब दावे के बाद निकाला गया रूस का टॉप वैज्ञानिक

Russian Scientist Fired After Claiming Ancestral Sins Shortened Lifespan: रूस के एक वैज्ञानिक का यह कहना उसे भारी पड़ गया है कि इंसानों की कम होती उम्र के पीछे उसके पूर्वजों के पाप जिम्मेदार हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 8, 2024 16:10
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Genetics
Representative Image (Pixabay)

Russian Scientist Fired After Claiming Ancestral Sins Shortened Lifespan : रूस के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने इंसानों की आयु को लेकर एक दावा किया है जिसके बाद उसे निकाल दिया गया है। डॉ. अलेक्जेंडर कुद्रयाव्त्सेव रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज वाविलोव इंस्टीट्यूट ऑफ जनरल जेनेटिक्स के प्रमुख हुआ करते थे। उन्होंने दावा किया है कि एक समय इंसानों की आयु 900 साल हुआ करती थी लेकिन हमारे पूर्वजों ने जो पाप किए उसके चलते उम्र इतनी कम हो गई है। यह दावा करने के बाद उन्हें निकालने का फैसला लिया गया।

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रिपोर्ट्स के अनुसार वैज्ञानिक ने यह टिप्पणी पिछले साल तीसरी इंटरनेशनल साइंटिफिक एंड थियोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस ‘गॉड-मेन-वर्ल्ड’ के दौरान की थी। मिंस्क में हुई इस कॉन्फ्रेंस में 60 वर्षीय वैज्ञानिक ने कहा था कि बाइबिल में जिस बाढ़ का उल्लेख किया गया है उससे पहले लोग 900 साल तक जिया करते थे। उन्होंने कहा था कि लेकिन पूर्वजों के और निजी पापों की वजह से जेनेटिक बीमारियां बढ़ीं जिसके चलते इंसानों की आयु कम हो गई। इसके साथ ही डॉ. अलेक्जेंडर ने यह दावा भी किया था कि सातवीं पीढ़ी तक के बच्चे अपने पिता के पाप के जिम्मेदार हैं।

स्वस्थ बच्चे चाहिए तो पाप करने से बचें

वैज्ञानिक ने कहा था कि जेनेटिक बीमारियों में म्यूटेशन की वजह पाप हैं जो आधुनिक मानवों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मैं उन कथित गलत आदतों के नुकसानदायक असर पर जोर देना चाहता हूं, जिसे थियोलॉजियन पाप कहते हैं। इनसे जीनोम पर भी गलत असर पड़ता है। अगर आपके शरीर में कोई म्यूटेशन होता है तो यह आपके बच्चों तक भी पहुंचता है और इसे रोका नहीं जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंमने यह भी कहा था कि अगर आप स्वस्थ बच्चे चाहते हैं तो गंदी आदतें मत अपनाइए और पाप के शिकंजे में मत फंसिए।

सात पीढ़ियों तक रह सकता है असर

डॉ. अलेक्जेंडर ने कहा था कि कई नास्तिक वैज्ञानिक कह सकते हैं कि इसका कारण जेनेटिक डिके या रेडिएशन या प्रदूषण है लेकिन मैं मानता हूं कि इस तरह का विनाश केवल असली पाप की वजह से हो सकता है। इस तरह से होने वाले जेनेटिक म्यूटेशन सात पीढ़ियों तक चल सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि यह मेरा निजी विचार है। रूस की एकेडमी ऑफ साइंस या फिर चर्च इस बारे में क्या सोचता है इससे उसका कोई भी लेना-देना नहीं है। इन बातों से इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के काम पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।

रूसी सरकार ने नहीं दिया साफ कारण

उधर, रूस की सरकार ने इस बारे में कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया है कि डॉ. अलेक्जेंडर को क्यों निकाला गया है। लेकिन, रशियन चर्च कमीशन ऑन फैमिली इश्यूज के प्रमुख फ्योदोर लुक्यानोव ने दावा किया है कि वैज्ञानिक के खिलाफ यह कार्रवाई उनके धार्मिक विश्वास और बयानों की वजह से की गई है।

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Gaurav Pandey

First published on: Feb 08, 2024 04:10 PM

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