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ट्रायल में 100% कारगर साबित हुई रूस की कैंसर वैक्सीन, आम लोगों के लिए कब होगी उपलब्ध?

रूस ने कैंसर के इलाज में बड़ी सफलता हासिल की है। एंटरोमिक्स नाम की mRNA-आधारित वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल में 100% प्रभाव दिखाया है और किसी भी गंभीर रिएक्शन की सूचना नहीं मिली है। यह वैक्सीन ट्यूमर को छोटा करती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है। इसे रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजिकल सेंटर और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी संस्थान ने मिलकर तैयार किया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Sep 7, 2025 14:37
Cancer Vaccine
कैंसर की वैक्सीन का ट्रायल सफल

कैंसर के खिलाफ लड़ाई में रूस की वैक्सीन ने बड़ी सफलता हासिल की है। एंटरोमिक्स नाम की mRNA-आधारित वैक्सीन ने परीक्षणों में 100% प्रभावकारी और सुरक्षित साबित होने का दावा किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह उपचार कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है तथा बड़े ट्यूमर को छोटा कर देता है। इस वैक्सीन को अब स्वास्थ्य मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतज़ार है। मंजूरी मिलने के बाद इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

यह वैक्सीन कोरोना वैक्सीन में इस्तेमाल की गई तकनीक जैसी ही है। यह कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन्हें नष्ट करने का काम करती है। एक तरफ जहां कैंसर के बाद कीमोथेरेपी या अन्य उपचार के तरीके अपनाए जाते हैं, वहीं इसके विपरीत, एंटरोमिक्स टीका प्रत्येक रोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार किया जाता है। अच्छी बात यह है कि इसका कोई गंभीर रिएक्शन नहीं देखा गया और ट्रायल के दौरान शामिल सभी लोगों ने इसे अच्छी तरह से सहन किया है।

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इससे पहले बताया गया था कि रूस ने अपने नए एंटरोमिक्स ऑन्कोलिटिक टीके का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। इस ट्रायल में 48 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस दवा को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान रेडियोलॉजिकल केंद्र ने रूसी विज्ञान अकादमी (RAS) के एंगेलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (EIMB) के सहयोग से तैयार किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यह टीका कैंसरग्रस्त ट्यूमर पर हमला करता है और उसे खत्म करने के लिए शरीर को नुकसान न पहुंचाने वाले चार वायरस का इस्तेमाल करता है। इसके साथ ही यह कैंसर से लड़ने के लिए रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है। एंटरोमिक्स को बनाने में कई साल लगे हैं और यह कई ट्रायल से गुजर चुका है। अधिकतर मामलों में यह ट्यूमर को छोटा करने या उसके बढ़ने को रोकने में मददगार साबित हुआ, जबकि कुछ मामलों में इसने कैंसर को पूरी तरह खत्म कर दिया है।

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क्लिनिकल परीक्षण की शुरुआत की घोषणा उत्तरी रूस में 18 से 21 जून तक आयोजित सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF 2025) में की गई थी। ट्रायल पूरा होने के बाद अब इसकी रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है। इसके बाद इसके इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जाएगी। अगर इसके इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाती है, तो यह लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकता है।

First published on: Sep 07, 2025 02:37 PM

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