नई दिल्ली: पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने आतंकवाद और आतंकवाद के लिए अनुकूल हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने में ठोस प्रगति की है। फिर भी आतंकवादी खतरा बना रहता है और हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद विकसित हुआ है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि और आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्ष रुचिरा काम्बोज ने यह बातें कहीं।
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Over past 2 decades, member states have made tangible progress in countering terrorism & violent extremism conducive to terrorism. Yet, terrorist threat persists & despite our best efforts has evolved: Ruchira Kamboj, India's Permanent Rep to UN, Counter-Terrorism Committee Chair pic.twitter.com/6j0n5FRSXr
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 26, 2022
आगे अपने संबोधन में रुचिरा काम्बोज ने कहा शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रसार और डिजिटलीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को संबोधित करना बढ़ती चिंता का विषय बन गया है।
रुचिरा कम्बोज ने कहा आतंकवाद विरोधी प्रयासों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों की क्षमता को पहचानने के साथ-साथ इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए समिति भारत में आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए अपनी विशेष बैठक आयोजित करने के लिए एक साथ आई है।
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