Hong Kong Fire: गगनचुंबी इमारतों के लिए पहचाना जाने वाला हांगकांग वर्तमान में सबसे भयानक आग्निकांड से जूझ रहा है. बुधवार को ताई पो इलाके में स्थित वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एक साथ 7-8 बिल्डिगों में भयानक आग लग गई, जिसे बुझाने के लिए सैकड़ों फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. सोशल मीडिया पर हांगकांग की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि उन बिल्डिगों में रहने वाले लोगों के लिए ये पल किसी प्रलय से कम नहीं था. अब तक इस दर्दनाक घटना में 55 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर एक साथ बिल्डिगों में इतनी भयानक आग कैसे लगी?
दशकों बाद घटी इतनी भयानक घटना
हांगकांग की ये घटना बीते कई दशकों से शहर में घटी सबसे गंभीर घटनाओं में से एक बन गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे बाद भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है, अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि जिस समय आग लगी उस दौरान कॉम्प्लैक्स में मरम्मत का काम चल रहा था. बिल्डिगों को बांस के मचान से कवर किया गया था, साथ ही उन्हें सेफ्टी नेट से ढका गया था. पुलिस ने कॉम्प्लेक्स में मरम्मत का काम कर रही कंपनी से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. उधर, पीड़ितों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.
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क्यों लगी इतनी भयानक आग?
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों ने ‘गंभीर लापरवाही’ बरती जिसकी वजह से इतना भयानक हादसा हो गया. एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आग से बची एक बिल्डिंग की जांच में पाया गया कि टावर की सभी मंजिलों की खिड़कियों पर स्टायरोफोम चिपकाया गया था, जो आग को बहुत तेजी से बढ़ाता है. ऐसा माना जा रहा है कि बाकी के टावर्स में भी रेनोवेशन के दौरान स्टायरोफोम का इस्तेमाल किया गया था.
क्या होता है स्टायरोफोम?
स्टायरोफोम को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, आम लोग इसे थर्माकॉल बोल सकते हैं. इसे अक्सर पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है, ताकी सामानों को टूट-फूट से बचाया जा सके. ज्यादातर स्टायरोफोम पॉलीस्टाइरीन से बने होते हैं, जो एक पेट्रोलियम-आधारित प्लास्टिक है. इसका इस्तेमाल निर्माण और इन्सुलेशन के तौर पर भी किया. हालांकि यूरोपीय देशों समेत दुनिया के कई हिस्सों में इसके फूड पैकेजिंग में उपयोग पर प्रतिबंध लगा है, क्योंकि इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
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आग का पक्का दोस्त है स्टायरोफोम
स्टायरोफोम और आग की दोस्ती जय-वीरू की तरह है. स्टायरोफोम इसलिए और खतरनाक बन जाता है क्योंकि ये बेहद कम तापमान में भी तेजी से आग पकड़ सकता है. इसके जलने पर काला धुआं, कार्बन और मोनोऑक्साइड जैसे जहरीले धुएं निकलते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि स्टायरोफोम में मौजूद एयर बबल्स आग को बढ़ने में मदद करते हैं.










