नई दिल्ली: राष्ट्र के नाम एक संबोधन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमी पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी चेतावनी दी। पुतिन ने आज देश में आंशिक रूप से सेना तैनात करने का आदेश दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस को तबाह व कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। दुश्मन देशों ने हद पार कर दी है।
बुधवार को पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में अपनी कुछ और सेना भेजने तैयारी कर रहे हैं। पुतिन ने जोर देकर कहा, “हम आंशिक लामबंदी के बारे में बात कर रहे हैं, अर्थात, केवल वे नागरिक जो वर्तमान में रिजर्व में हैं वे भर्ती के अधीन होंगे। साथ ही सशस्त्र बलों में सेवा करने वालों के पास एक निश्चित सैन्य विशेषता और प्रासंगिक अनुभव है।”
पुतिन ने कहा कि क्योंकि रूस के लिए “मुक्त भूमि” में लोगों की रक्षा के लिए तत्काल निर्णय लेना अनिवार्य था। पुतिन का राष्ट्र के नाम संबोधन पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों के एक दिन बाद आता है, जिसमें उन्होंने रूस का हिस्सा बनना चाहते हैं या नहीं, इस पर जनमत संग्रह कराने की योजना की घोषणा की।
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश परमाणु शक्ति को लेकर ब्लैकमेल कर रहे हैं लेकिन रूस के पास जवाब देने के लिए “बहुत से हथियार” हैं और उन्हें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बता दें कि लुहांस्क और दोनेत्स्क को मिलाकर डोनबास क्षेत्र कहा जाता है। रूस डोनाबास को स्वतंत्र देशों का दर्जा दे चुका है। इस क्षेत्र पर साल 2014 में रूस ने आंशिक तौर पर कब्जा कर लिया था।
ब्रिटिश विदेश मंत्री गिलियन कीगन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बुधवार को दिया गया भाषण चिंताजनक था और इसमें उन्होंने जो धमकियां दीं, उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। स्पष्ट रूप से यह कुछ ऐसा है जिसे हमें बहुत गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि, आप जानते हैं, हम नियंत्रण में नहीं हैं।
पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी कि यदि क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ तो रूस सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। इसे कोई झांसा नहीं समझा जाए। अपने देश की सैन्य मोर्चाबंदी के आदेश पर पुतिन ने दस्तखत कर दिए हैं और यह आज से ही लागू हो जाएगा। रूस के रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में 3,00,000 रिजर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा।
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